महामृत्युंजय मंत्र से दूर होती हैं कई समस्याएं, स्वस्थ जीवन के लिए करें महादेव की आराधना, जानें जाप करने के सही नियम

अध्यात्म: कोरोना की इस दूसरी लहर में हर कोई दहशत और खौफ में जी रहा है कब, क्या हो जाए लोग यही सोच रहे हैं. ऐसे में उनकी सोच काफी नकारात्मक होती जा रही है. लोगों को बस हर तरफ से बीमारी और मौत की ख़बरें सुनने को मिल रही है. ऐसे में मन की इस नकारात्मकता से बचने के लिए आध्यात्म एक अच्छा विकल्प है. हिंदू धर्म शास्त्रों में कई ऐसे मंत्रों का वर्णन है जोकि मानसिक शांति प्रदान करते हैं, मन को शक्ति देते हैं और मृत्यु पर भी विजय हासिल करने वाले मंत्र माने जाते हैं. ऐसे समय में मन शांत करके ईश्वर की आराधना करने के साथ ही अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें तो यह कई तरह से फायदेमंद हो सकता है.


ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥


अर्थ – देवों के देव महादेव का सबसे शक्तिशाली मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र. इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. साथ ही मंत्र के जाप से बड़ा से बड़ा रोग भी ठीक हो जाता है और जीवन की कई समस्याएं और बाधाएं भी दूर हो जाती हैं. इस मंत्र के जाप से आप अपनी या फिर जिसके लिए भी आप ये जाप कर रहे हों उसकी उम्र बढ़ा सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे.


बीमारियों से रखता है दूर-
देश में फैले कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी काफी लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार कर रही है. ऐसे में खुद को और अपने परिवार के सभी सदस्यों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए आप रोजाना स्नान करने के बाद इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. अगर आपको किसी तरह की कोई बीमारी हो तो सुबह स्नान के बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करने से सभी तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं.


अकाल मृत्यु से बचाव-
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का महामंत्र है और इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु से बचने में मदद मिल सकती है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गंभीर बीमारी, दुर्घटना या अकाल मृत्यु का योग हो तो इस मंत्र के जाप से उस योग को टाला जा सकता है.


डर को दूर कर मन को शांत करता है-
अगर आपके मन में भी किसी बात या किसी चीज को लेकर कोई डर है तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें. रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और सभी तरह के डर दूर हो जाते हैं.


‘महामृत्युंजय मंत्र’ के नियम-
-महामृत्युंजय मंत्र का जाप सोमवार के दिन या फिर प्रदोष के दिन करना चाहिए क्योंकि ये दोनों ही दिन भगवान शिव के हैं और इस दिन मंत्र जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.
-जाप करते समय रुद्राक्ष की माला से ही जाप करें क्योंकि संख्याहीन जाप का फल प्राप्त नहीं होता है.
-इस मंत्र का जाप करते समय शिवजी की प्रतिमा, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्युंजय यंत्र को अपने पास अवश्य रखें.
-जाप के समय उबासी न लें, आलस्य न करें और जाप के समय मन को इधर-उधर न भटकाएं.
-मंत्र जाप के दौरान बीच में किसी से बात न करें.


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