शिवसेना-NCP के बीच इस बात का है रार, नहीं तो अब तक बन चुकी होती महाराष्ट्र में सरकार!

शिवसेना (Shiv Sena) के साथ गठबंधन पर फैसले को लेकर जिस तरह कांग्रेस और एनसीपी (NCP) फूंक-फूंककर कदम रख रही है, उससे राज्य में जल्द सरकार बनने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. नजरें अब कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच बुधवार को होने वाली बैठक पर टिक गई हैं. शिवसेना भी इस बैठक को लेकर काफी उम्मीद लगाए बैठी है.


दरअसल, शिवसेना (Shiv Sena) सुप्रीमो उद्धव ठाकरे द्वारा अपने बेटे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर दिया जा रहा जोर, सरकार गठन की राह में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है. NCP के कई नेता इसे पसंद नहीं कर रहे हैं. एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की बात कह रहे हैं.


इससे NCP के कई नेता असहज महसूस कर रहे हैं जो आदित्य जैसे नौसिखिए के साथ काम नहीं करना चाहते हैं. इसके साथ ही NCP मुख्यमंत्री पद के लिए बारी-बारी से रोटेशन की बात कर रही है. वह चाहती है कि रोटेशन के तहत उसकी पार्टी का भी मुख्यमंत्री बने. वहीं, कांग्रेस व NCP के नेता उद्धव ठाकरे के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन में देरी कांग्रेस की वजह से नहीं बल्कि NCP प्रमुख की वजह से हो रही है जो कि कांग्रेस की तुलना में शिवसेना (Shiv Sena) को लेकर ज्यादा सशंकित हैं. एक सूत्र ने कहा कि NCP प्रमुख ने सही कहा है कि उन्होंने अभी तक सरकार गठन पर सोनिया गांधी से विचार विमर्श नहीं किया है. NCP नेता शिवसेना (Shiv Sena) की कार्यशैली व विचारधारात्मक विरोधाभासों को लेकर भी चिंतित हैं. शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत ने भी कहा कि ‘शरद पवार के बयानों को समझना कोई आसान काम नहीं है.’


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