भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के अनुरोध को भारतीय सेना (Indian Army) के साथ ट्रेनिंग के लिए जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने मंजूरी दे दी है. जिसके बाद वह पैराशूट रेजिमेंट बटालियन (Parachute Regiment Battalion) के साथ ट्रेनिंग लेंगे. वहीं, ट्रेनिंग का कुछ हिस्सा जम्मू और कश्मीर में भी होने की उम्मीद है. हालांकि, महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय सेना किसी भी सक्रिय ऑपरेशन का हिस्सा नहीं बनने देगी.
बीते शनिवार को अपने संन्यास और वेस्टइंडीज के दौरे पर न जाने के कयासों पर विराम लगाते हुए 38 वर्षीय धोनी ने भारतीय टीम के लिए 2 महीने तक खुद को ‘अनुपलब्ध’ बना लिया. प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी ने अगले 2 महीने अपनी रेजिमेंट के साथ रहने का फैसला लिया था, जिसे सेना प्रमुख की स्वीकृति मिल गई है.
वहीं, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि ‘धोनी अभी क्रिकेट से संन्यास नहीं ले रहे हैं. वह अपने अर्धसैनिक रेजिमेंट की सेवा के लिए दो महीने का विश्राम ले रहे हैं, जो उन्होंने बहुत पहले किया था’.
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सूत्रों के मुताबिक धोनी अब पैराशूट रेजिमेंट के कमांडोज के साथ समय बिताएंगे और उनके साथ ड्रिल्स में हिस्सा लेंगे. अब सवाल यह है कि आखिर धोनी ये ट्रेनिंग कर क्यों रहे हैं? ये बात तो जगजाहिर है कि धोनी का पहला प्यार आर्मी है. लेकिन, इसके साथ-साथ उन्हें इस ट्रेनिंग से कई और फायदे भी होते हैं.
आइए आपको बताते हैं कि ट्रेनिंग से धोनी को क्या फायदा होने वाला है?
मानसिक दबाव होगा कम- वर्ल्ड कप में मिली हार के बाद उनके ऊपर कुछ ज्यादा ही दबाव है. इसी दौरान ही धोनी के संन्यास की अटकलें शुरू हो गई थीं और टूर्नामेंट खत्म होते-होते ये संन्यास की मांग और तेज हो गई. ऐसे में धोनी क्रिकेट से ब्रेक लेकर भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग करने जा रहे हैं, जिससे उनका ध्यान इन सब चीजों से हटेगा. वो मीडिया, क्रिकेट से दूर रहेंगे, जिसके बाद उन पर बढ़ रहा दबाव जरूर कम होगा.
गजब की फिटनेस- धोनी, पैराशूट रेजिमेंट बटालियन के साथ ट्रेनिंग करने वाली हैं. इस बटालियन के साथ ट्रेनिंग करने के लिए काफी अच्छी फिटनेस की दरकार होती है. धोनी 38 साल के हैं और इस उम्र में भी उनकी फिटनेस कमाल है. लेकिन सेना के साथ ट्रेनिंग करने से उनकी फिटनेस एक अलग स्तर पर पहुंचेगी. जब धोनी फिट महसूस करेंगे तो हो सकता है कि वो अपना करियर और आगे खींचने की कोशिश करेंगे.
बढ़ेगी लड़ने की क्षमता- भारतीय सेना में ट्रेनिंग से धोनी को मानसिक मजबूती मिलेगी. जिस तरह से सेना की ट्रेनिंग होती है, उससे धोनी ना सिर्फ शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होंगे.
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