आगरा में मतदान से वंचित रह गए हजारों पुलिसकर्मी, जानें वजह….?

आज उत्तर प्रदेश में आज विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए वोटिंग हो रही है। ऐसे में हर कोई अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए बेहद उत्साहित है। पर, जिनके कंधों पर मतदान की सुरक्षा की जिम्मेदारी है वो खुद ही इस बार अपना वोट डालने से वंचित रह गए। दरअसल, आगरा में एपिक नंबर न होने और अन्य जरूरी दस्तावेज न होने के चलते पुलिसकर्मियों को पोस्टल बैलेट नहीं मिल पाए हैं। जिस वजह से हजारों पुलिसकर्मी खुद वोट डालने से रह गए।

प्रक्रिया के तहत होती है बैलट वोटिंग

जानकारी के मुताबिक, एसपी वेस्ट सत्यजीत गुप्ता के अनुसार पोस्टल बैलेट मंगाने की एक प्रक्रिया होती है। पुलिसकर्मियों का डाटा लिया जाता है और उनसे फ़ार्म 12 भरवाया जाता है ,इसके बाद उनके गृह जनपद के रिटर्निंग आफिसर को उनके एपिक नंबर, पीएनओ नंबर और अन्य दस्तावेजों के साथ जानकारी दी जाती है। इसके बाद रिटर्निंग आफिसर द्वारा पोस्टल बैलेट भेजे जाते हैं। मत देने के बाद उन्हें पैक कर वापस रिटर्निंग आफिसर को भेजा जाता है और गिनती के समय उन मतों को शामिल किया जाता है।

सख्ती दिखाने के बाद भी पुलिसकर्मियों ने दी लापरवाही

चुनावों के तहत जनवरी माह में ही आगरा में पुलिसकर्मियों से एपिक नंबर (वोटर कार्ड नंबर )मांगे गए थे। सख्ती दिखाने के बाद भी अधिकांश पुलिसकर्मी नंबर उपलब्ध नहीं करा पाए थे। जिसके चलते जिन कर्मियों ने अपने एपिक नंबर और अन्य जरूरी कागज दिए थे ,उन सबके पोस्टल वोट उन्हें दिए गए हैं और रिटर्निंग अफसरों से बात की जा रही है। कुछ पोस्टल पर पीएनओ नंबर नहीं अंकित था तो वो रिटर्निंग आफिसर को वापस भेजे गए हैं ,जो भी पोस्टल आ रहे हैं ,उन्हें तत्काल पुलिसकर्मियों को दिया जा रहा है। अगर आंकड़ों की बात करें तो मात्र एक एक थाने से महज दस दस ही वोट आए हैं।

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