मऊ जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र के रतनपुरा बाजार में 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान आयोजित एक जनसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) द्वारा दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया था। आरोप है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और भड़काऊ टिप्पणी की।
बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आरोप और विवादित टिप्पणी
सभा में राजभर ने अपने समर्थकों से कहा था कि बीजेपी कार्यकर्ता उनके प्रत्याशी महेंद्र राजभर को हराने और वोटों में सेंध लगाने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने कथित रूप से अपने कार्यकर्ताओं को उकसाते हुए कहा था कि अगर कोई बीजेपी कार्यकर्ता ऐसा करता हुआ मिले तो उसे ‘पहले 10 जूते मारो।’ इस टिप्पणी के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में गुस्सा फैल गया और विरोध दर्ज कराया गया।
उड़न दस्ते अधिकारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज
इस मामले में कार्रवाई करते हुए उड़न दस्ते के अधिकारी रुद्राभन पांडे ने हलधरपुर थाने में लिखित तहरीर दी थी। उनके आधार पर ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपपत्र में आचार संहिता उल्लंघन और अपशब्दों के प्रयोग की बात दर्ज की गई।
एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी
मामले की सुनवाई मऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंका आजाद के समक्ष हो रही है। इसी क्रम में सोमवार को ओमप्रकाश राजभर को अदालत में पेश होना पड़ा। कोर्ट में मामले की कार्यवाही जारी है और अगली सुनवाई की तारीख तय की गई है।
राजभर का बयान
कोर्ट में पेश होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा,’चुनाव के दौरान गाड़ियों के काफिले या बयानबाजी से जुड़े कई मुकदमे दर्ज होते हैं। यह मामला भी आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा हो सकता है। मुझे नोटिस मिला था, इसलिए संविधान का पालन करते हुए कोर्ट में पेश हुआ हूं।’