बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर जमकर निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है। बसपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर इनकी दलित-विरोधी चाल, चरित्र और चेहरे को थोड़ा बदलने की कोशिश की, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद समाजवादी पार्टी फिर से अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर लौट आई।
बसपा चीफ मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी कर कहा कि अब समाजवादी पार्टी के मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरियां बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया के जरिए भी खूब प्रचारित किया जाता है।
1. सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालाँकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेण्डे पर आ गई।
— Mayawati (@Mayawati) January 8, 2024
उन्होंने कहा कि वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं। जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट आफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों और राष्ट्रीय प्रमुख को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. जिनमें बीएसपी यूपी स्टेटआफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहाँ से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुँचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहाँ से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।
— Mayawati (@Mayawati) January 8, 2024
मायावती ने आगे कहा कि इसकी वजह से बसपा को महापुरुषों की मूर्तियों को वहां से हटवाकर पार्टी चीफ के आवास पर शिफ्ट करना पड़ा। बसपा प्रमुख ने कहा कि इस असुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा सुझाव पर बसपा चीफ को अब अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी कार्यालय में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। मायावती ने मांग की है कि सरकार दलित विरोधी तत्वों से भी सख्ती से निपटे।
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