बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा पर अति पिछड़ों, पिछड़ों और अनुसूचित जाति/जनजाति को आरक्षण के हक से वंचित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इन वर्ग के लोगों को सपा, कांग्रेस और भाजपा से सतर्क रहने के लिए कहा है।
सपा सरकार ने भी अति पिछड़ों को नहीं दिया पूरा हक
गुरुवार को मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने केंद्र में अपनी सरकार के दौरान पिछड़ों को आरक्षण देने से संबंधित मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया। साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया। अब भाजपा भी इस मामले में कांग्रेस के पदचिह्नों पर चल रही है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा सरकार ने भी अति पिछड़ों को पूरा हक नहीं दिया। अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया। इससे संबंधित बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया और इसे पारित भी नहीं होने दिया। इन सभी वर्गों से लोग सावधान रहें। बसपा सरकार में अनुसूचित जाति/जनजाति के साथ अति पिछड़ों व पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक दिया गया। इसलिए अब आरक्षण पर बड़ी बातें करने वाली सपा व अन्य पार्टियों को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।
अखिलेश पर राजभर भी आरक्षण को लेकर बिफरे
वहीं, विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद अलग हुए सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ देने से वंचित करने का आरोप मढ़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय नेताओं के दबाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर अफसरों ने सरकार को गलत रिपोर्ट दी। पार्क रोड स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पिछड़ा वर्ग में बारी, शाक्य, सैनी, भर, राजभर, कहार, गोंड़, बिंद जैसी वंचित जातियों को उनका हक देने से हमेशा बचते रहे।
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राजभर ने कहा कि आज जब राजनीतिक जमीन खिसक रही है तो पिछड़ों और दलितों के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग फिर से उठाई है। राजभर ने कहा कि चार सितंबर 2013 को हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया था कि 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ 12 पिछड़ी जातियां ले रही हैं, अन्य पिछड़ी जातियों को भी उनका हक दिया जाए, सरकार इस दिशा में कार्य करे। उस समय अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि चार बार सपा सत्ता में रही लेकिन कभी अति पिछड़ी जातियों के लिए कुछ नहीं किया। 2001 में राजनाथ सिंह सरकार ने सामाजिक न्याय समिति बनाई लेकिन जब समिति की रिपोर्ट आई तो उनकी सरकार चली गई। इसके बाद प्रदेश की सत्ता पर लगातार सपा और बसपा काबिज रहे लेकिन दोनों ने ओबीसी की कमजोर जातियों को उनका हक देने का काम नहीं किया।
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