बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी, लेकिन साथ ही मौजूदा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि गरीब, दलित और बहुजन समाज को उनकी मेहनत का सही फल और न्याय नहीं मिल रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण का सही से पालन नहीं हो रहा और इसके अवसर लगातार घट रहे हैं, जो एक गंभीर चिंतन का विषय है।
सरकारी क्षेत्र की उपेक्षा कर रहीं केंद्र व राज्य सरकारें
मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें सरकारी क्षेत्र की उपेक्षा कर प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा दे रही हैं। इसका सीधा असर गरीब और पिछड़े समाज पर पड़ रहा है, जिससे उनका जीवन बदहाल होता जा रहा है। उन्होंने रविवार को जारी बयान में कहा कि देश के विकास में हर भारतीय का बराबर का हक होना चाहिए।
2. भारत के विकास में हर भारतीय का हक है। अतः बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की संख्या में हो रही वृद्धि से अधिक बहुजन व अन्ततः देशहित में देश की पूंजी में विकास जरूरी। सरकार की नीति आमजनहित को बढ़ावा देने वाली हो तो उचित ताकि अपार गरीबी, बेरोजगारी आदि की समस्याएं दूर हों। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 26, 2025
गरीबों की अनदेखी का आरोप
बसपा प्रमुख ने कहा कि देश में बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जबकि करोड़ों गरीबों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा। उन्होंने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और पिछड़े प्रदेश में सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ये गरीब और बहुजनों के हितों को बढ़ावा देने वाली होतीं, तो समाज में व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता था।
सरकारी क्षेत्र में घटते अवसर पर चिंता
उन्होंने सरकारी क्षेत्र में बहुजनों के लिए घटते रोजगार के अवसर और बढ़ते बैकलॉग को एक बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि यह देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असमानताओं को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बहुजनों की उपेक्षा कर देश की प्रगति का सपना कैसे पूरा हो सकता है।
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‘तेज विकास दर का लाभ गरीबों तक पहुंचे’
मायावती ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती से गरीबों के जीवन में अपेक्षित सुधार आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि तेज विकास दर का सही लाभ गरीबों और पिछड़ों तक पहुंचाकर उनके जीवन में बदलाव लाना जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में वर्तमान राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि जब तक लोगों का जीवन, संपत्ति और मजहब सुरक्षित नहीं होगा, तब तक विकास संभव नहीं है। मायावती ने गरीब और बहुजन समाज के लिए सरकारी नीतियों में सुधार की जरूरत पर बल दिया।
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