भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किए जाने के बाद बसपा चीफ मायावती (Mayawati) ने हमलावर होते हुए कहा कि उन्हें सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए। इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर में हुई हिंसा के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए वैधानिक कदम उठाने की मांग की थी।
मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी। किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं। इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए। केवल उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए।
2. इतना ही नहीं बल्कि कानपुर में अभी हाल ही में जो हिंसा हुई है, उसकी तह तक जाना बहुत जरूरी। साथ ही, इस हिंसा के विरुद्ध हो रही पुलिस कार्रवाईयों में निर्दोष लोगों को परेशान ना किया जाए, बीएसपी की यह भी माँग। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) June 6, 2022
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि कानपुर में अभी हाल ही में जो हिंसा हुई है, उसकी तह तक जाना बहुत जरूरी। साथ ही, इस हिंसा के विरुद्ध हो रही पुलिस कार्रवाईयों में निर्दोष लोगों को परेशान ना किया जाए, बीएसपी की यह भी मांग है।
दरअसल, कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के लिए अखिलेश यादव ने बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की थी। बीजेपी प्रवक्ता को रविवार को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया।
आरोप है कि नूपुर शर्मा ने पिछले महीने एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी की थी। कहा जा रहा है कि इन्हीं बयानों के कारण कानपुर में हिंसा भी भड़की थी। हालांकि, नूपुर शर्मा ने ट्वीट किया था कि अगर वे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं तो मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं।
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