आगरा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर हमले को लेकर सियासत तेज हो गई है। इस मामले को लेकर संसद से सड़क तक राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। राणा सांगा को गद्दार कहने वाले बयान पर रामजी लाल सुमन अभी भी कायम हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि राणा सांगा पर अपनी टिप्पणी के लिए मैं इस जन्म में माफी नहीं मांगूंगा। इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अखिलेश यादव को गेस्ट हाउस कांड याद दिलाया है।
राजनीतिक रोटी सेंकना बंद करे सपा
बसपा चीफ मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आगरा की हुई घटना के साथ-साथ सपा मुखिया को इनकी सरकार में 2 जून 1995 को लखनऊ स्टेट गेस्ट हाऊस काण्ड में इस पार्टी द्वारा मेरे ऊपर कराया गया जानलेवा हमला भी इनको जरूर याद कर लेना चाहिये और इसका पश्चताप भी जरूर करना चाहिए। अतः आगरा घटना की आड़ में अब सपा अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना बन्द करे तथा आगरा की हुई घटना की तरह यहां दलितों का उत्पीड़न और ज्यादा ना कराये।
2. अतः आगरा घटना की आड़ में अब सपा अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना बन्द करे तथा आगरा की हुई घटना की तरह यहां दलितों का उत्पीड़न और ज्यादा ना कराये। (2/2)
— Mayawati (@Mayawati) March 28, 2025
बता दें कि 26 मार्च को करणी सेना ने सपा सांसद के घर पर हमला कर दिया था। 1000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ और पथराव किया था। सांसद के घर के बाहर खड़ी 10 से ज्यादा गाड़ियां तोड़ डाली थीं। झड़प में 14 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। गुरुवार को घटना के विरोध में सपा ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया था।
क्या है गेस्ट हाउस कांड
बात 2 जून 1995 की है। प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार थी। बसपा गठबंधन तोड़ने के लिए स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक कर रही थी। तभी सपा के विधायक और समर्थक पहुंच गए। उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। बसपा विधायकों को उठाकर गाड़ियों में भरने लगे। मायावती के साथ बदसलूकी की। मायावती ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। 4 घंटे बाद जब कमरा खुला तब यूपी की राजनीति के माथे पर गेस्ट हाउस कांड नाम का एक ऐसा कलंक लग चुका था जो आज तक मिट नहीं सका।