#MeToo में फंसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, पीड़ित महिला कांस्टेबल बोली- सरकारी गाड़ी में बैठाकर अधिकारी ने…

उत्तराखंड में हरिद्वार के सीओ सिटी (पदोन्नति के बाद अपर पुलिस अधीक्षक) परीक्षित कुमार के ऊपर महिला कांस्टेबल ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. महिला कांस्टेबल द्वारा लगाए गए इस यौन उत्पीड़न के आरोप में सीओ सिटी बुरी तरह फंस गए हैं. आरोपों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने परीक्षित कुमार को हटाकर अभिसूचना मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है. एसपी सिटी ममता वोहरा की अगुवाई में गठित टीम को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है.

 

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29 दिसंबर को लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप

29 दिसंबर को तत्कालीन एसएसपी रिधिम अग्रवाल से मिलकर सीओ सिटी परीक्षित कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप खंडूड़ी शहर क्षेत्र में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी ने लगाया था. पीड़ित महिला कांस्टेबल का आरोप है कि सीओ ने 28 दिसंबर की शाम को उन्हें फोन कर, घर से हाईवे पर बुलाया. इसके बाद उन्हें सरकारी वाहन में बैठा लिया गया. आरोप है कि अधिकारी ने वाहन में उनके साथ अश्लील हरकत शुरू कर दी और विरोध करने पर आरोपी सीओ कुछ दूरी पर उन्हें गाड़ी से उतारकर चले गए. तत्कालीन एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने महिला कांस्टेबल के आरोपों की जांच को एसपी सिटी ममता बोहरा की अगुवाई में चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है. एसपी के अलावा समिति में सीओ कनखल स्वप्न किशोर सिंह, हरिद्वार महिला हेल्प लाइन प्रभारी मीना आर्य और रुड़की की महिला हेल्प लाइन प्रभारी अनिता नेगी को शामिल किया गया.

 

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सीओ सिटी ने अपने आरोपों को नकारा

पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि गंभीर आरोप के चलते सीओ सिटी परीक्षित कुमार को हरिद्वार से हटाकर अभिसूचना मुख्यालय में संबद्ध कर दिया गया है, ताकि निष्पक्ष जांच कराई जा सके. वहीं, परीक्षित कुमार ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. आपको बता दें कि परीक्षित कुमार की अपर पुलिस अधीक्षक पद पर पदोन्नति हो चुकी है, लेकिन अभी तक तैनाती न मिलने के कारण वह सीओ सिटी का कामकाज देख रहे थे. तत्कालीन एसएसपी ने जांच भी बैठा दी है और जांच कमेटी को साफ निर्देश दिया गया है कि मामले की निष्पक्षता से जांच हो. जांच रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन्हीं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

 

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