प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक में 2027 की जनगणना को लेकर अहम निर्णय लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि यह भारत की पहली पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी। हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस का पहला चरण अप्रैल 2026 से सितंबर 2026 तक और जनसंख्या गणना का दूसरा चरण फरवरी 2027 में आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि जनगणना 2027 के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया गया है।
Cabinet approved ₹11,718 crore for Census 2027
✅ First ever digital census
✅ Will include caste enumeration and option for self-enumeration
✅ Personal data to be protected as per the DPDP Act, 2023
✅ ~ 1 crore human-days of employment to be generated pic.twitter.com/1uGGXqD1Z1— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 12, 2025
डेटा सुरक्षा और भाषा की सुविधा
डिजिटल सेंसस के लिए एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की जाएगी, जिसमें हिंदी, अंग्रेज़ी और क्षेत्रीय भाषाओं का विकल्प होगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डेटा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। लोगों को अपनी जाति जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करना अनिवार्य नहीं होगा, और केवल एग्रीगेटेड डेटा ही सार्वजनिक किया जाएगा। माइक्रो स्तर का व्यक्तिगत डेटा सार्वजनिक नहीं होगा।
किसानों के लिए MSP का बड़ा फैसला
केंद्र ने किसानों के हित में 2026 के लिए पिसाई वाले खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और गोल खोपरा के लिए 12,500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया। इसके लिए नोडल एजेंसी के रूप में NAFED और NCCF कार्य करेंगे। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने की उम्मीद है।
कोल उत्पादन में आत्मनिर्भरता
कैबिनेट ने कोयले की नीलामी के लिए नई योजना ‘कोल सेतु’ को मंजूरी दी। इसके तहत भारत को कोयले के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, इस कदम से 60 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। 2024-25 में भारत में 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ और घरेलू पावर प्लांटों में रिकॉर्ड कोयला स्टॉक तैयार हो चुका है।


















































