समाजवादी पार्टी के संरक्षक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव (Mulayam singh Yadav) ने सोमवार को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की पहली डोज लगवा ली है। 81 वर्ष के मुलायम सिंह यादव ने मेदांता अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मुलायम सिंह यादव के वैक्सीन लगवाने की फोटो ट्वीट करते हुए कहा है कि आशा करता हूं कि सपा के कार्यकर्ता एवं उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी अपनी पार्टी के संस्थापक से प्रेरणा लेंगे।
बीजेपी की वैक्सीन बताकर अखिलेश ने किया था विरोध
दरअसल, स्वतंत्र देव सिंह ने यह बात इसलिए कही क्योंकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले वैक्सीन का विरोध किया था। अखिलेश ने कहा था कि मैं बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकता हूं, जब हमारी सरकार बनेगी तो सभी को फ्री में टीका लगेगा, हम बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवा सकते। उनके इस बयान को लेकर काफी हंगामा हुआ था।
हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर में उनके सुर बदल गए थे और बीजेपी सरकार से सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगवाने की मांग करने लगे थे। इससे पहले मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने भी पिछले महीने ही लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में वैक्सीन लगवाई थी। उन्होंने डॉक्टर्स, रिसर्चर्स और साइंटिस्ट्स की तारीफ करते हुए सभी लोगों से जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की अपील भी की थी।
बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार और तेज करते हुए 3 महीने (जून, जुलाई और अगस्त) के भीतर 10 करोड़ वैक्सीन लगाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कुछ जिलों को चिन्हित कर वहां अभियान चलाकर 100 फीसद वैक्सीनेशन कराया जाए। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। 18 से 44 वर्ष तक के आयु वर्ग में भी 30 लाख से अधिक युवाओं को टीका लगाया जा चुका है। प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए वैक्सीनेशन को और बड़े पैमाने पर तेजी के साथ करने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि जून, जुलाई व अगस्त में 10 करोड़ प्रदेशवासियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखकर काम किया जाए। जरूरत होने पर दो पालियों में टीके लगाने का काम कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन की सप्लाई चेन को मजबूत रखें। वैक्सीन लगाने वालों को प्रशिक्षित कराया जाए। इस काम के लिए नर्सिंग के द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों व पैरामेडिकल के द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों का प्रशिक्षण कराएं। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया जाए कि वैक्सीन का वैस्टेज कम से कम हो।
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