मुसलमान बनाए बिना इस्लाम में निकाह संभव नहीं’, मुस्लिम धर्मगुरू के बयान पर विवाद

लव जिहाद (Love Jihad) को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के बाद अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बना दिया है. वहीं इस कानून को लेकर औवैसी जैसे तमाम विपक्षी नेता भाजपा सरकारों पर निशाना साध रहे हैं. हाल ही में 104 पूर्व नौकरशाहों ने सीएम योगी को पत्र लिखकर लव जिहाद कानून को खत्म करने की मांग की है. वहीं इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने ऐसा कुछ कहा है कि फिर विवाद खड़ा हो गया है.


शिया धर्मगुरु ने कहा कि मुसलमान बने बगैर इस्लाम में निकाह मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि कोई दूसरे धर्म के लड़के या लड़की से निकाह कर रहा है तो ऐसा तब तक नहीं हो सकता जबतक कि वो इस्लाम को स्वीकार न कर ले. उन्होंने कहा कि वैसे तो किसी भी तरह से शादी करने वाले को कोई नहीं रोक सकता, लेकिन शरई ऐतबार से यह शादी नहीं हो सकती. इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता.


अब शिया धर्मगुरु के इस बयान के बाद उन लोगों की शादी पर सवाल खड़े हो गए हैं, जिन्होंने इस्लाम कबूले बिना शादी की हुई है. तो क्या ऐसे में उनकी शादियां नाजायज हैं. ऐसी शादी करने वालों में आम लोगों को तो छोड़ दीजिए, बड़े-बड़े नामी गिरामी लोग शामिल हैं, जिनकी शादियां हुए वर्षों गुजर गए हैं और मियां-बीबी दोनों ही साथ रह रहे हैं और धार्मिक तौर पर अपने-अपने तिथि त्योहारों को मनाते हैं. शिया धर्मगुरु के बयान के मुताबिक तो ये शादियां जायज नहीं होनी चाहिए.


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