कानपुर में आतंकी फंडिंग से जुड़े 12 लोगों की NIA को तलाश, 6 बैंक खातों में हुआ 50 लाख का ट्रांजेक्शन, नेपाल भागने वाले थे शाकिर और जावेद

कानपुर (Kanpur) में आतंकी फंडिंग (Terror Funding) से जुड़े लोगों की तलाश में एनआईए (NIA) के तीन अधिकारियों की टीम ने शहर में डेरा डाल रखा है। बुधवार को एनआईए की टीम ने एयरपोर्ट के अफसरों के साथ बैठक की। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कानपुर के आसपास के जिलों में बने एयरपोर्ट और दिल्ली के हवाई अड्डे से एनआईए के रडार पर आए पीएफआई (PFI) के संदिग्ध सदस्य दूसरे देश जा सकते हैं।

नेपाल जाने वाले थे शाकिर और जावेद

दरअसल, खुफिया एजेंसी को जानकारी मिली है कि इन संदिग्ध पीएफआई सदस्यों के पासपोर्ट समेत सारी तैयारी हो चुकी है, जिसके बाद एनआइए की टीम ने कानपुर समेत लखनऊ व दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। एनआइए के सूत्रों ने बताया कि बीते चार दिनों से एनआइए की टीम शाकिर और जावेद की तलाश में थी। दोनों आठ नवंबर को नेपाल भागने की फिराक में थे।

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वहीं, सटीक इनपुट मिलने के बाद टीम ने अन्य एजेंसियों के सहयोग लेकर इसे आगे बढ़ाया तो सफलता हाथ लगी। इस कार्रवाई के बाद एसटीएफ और एटीएएस यानी एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड ने आतंकी गतिविधियों से जुड़े पुराने लोगों के नाम तलाशने के साथ उनकी लोकेशन ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया है।

बैंक अकाउंट्स में 50 लाख से अधिक के ट्रांजक्शन

आरोपितों के करीब छह प्राइवेट बैंकों में खाते होने की जानकारी हुई थी। छह खातों में जनवरी 2022 से लेकर अब तक 50 लाख से अधिक के ट्रांजक्शन मिले हैं। दोनों से अलग-अलग हुई पूछताछ में बयानों में विरोधाभास मिला है। हिरासत में लिए दोनों आरोपितों से पूछताछ में सामने आया है कि उपद्रव के लिए कहां से लोगों को बुलाया और कहां उनके रुकने की व्यवस्था की गई थी।

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नई सड़क उपद्रव के मामले में कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के साथ गिरफ्तारी हुई थी। जेल जाने के बाद पांच आरोपित जमानत पर रिहा हो चुके हैं। आरोपितों के अलावा सात और लोग आतंकी फंडिंग के लिए मदद कर रहे थे। एनआइए सभी 12 सदस्यों की तलाश में जुटी है।

वहीं, रडार पर आए सात लोगों में जाजमऊ का साजिद, एक मदरसे का वसीम, बाबूपुरवा का हाजी यूसुफ, वहीं का नदीम, आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों को हथियार दिलाने वाला आरिफ इंजीनियर और उनके लिए रुपये का इंतजाम करने वाला इरशाद, आतंकवाद फैलाने वाले लोगों के रहने, खाने और अन्य व्यवस्थाएं करने में हाजी इमरान शामिल है।

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