UP: सपा के प्रदेश सचिव शहाबुद्दीन गोतस्करी में गिरफ्तार, तस्करों को मुहैया कराते थे अपनी गाड़ी, मिलता था 90 हजार किराया

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के खुटहन थाना क्षेत्र के पटैला गांव निवासी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रदेश सचिव शहाबुद्दीन (State secretary Shahabuddin) को हरदोई पुलिस (Hardoi Police) ने गोतस्करी (Cow Smuggling) के आरोप में गिरफ्तार किया है। शहाबुद्दीन के साथ ही 4 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।

भाई ने लापता होने की लिखाई थी रिपोर्ट

दरअसल, सपा के प्रदेश सचिव शहाबुद्दीन के भाई ने खुटहन थाने में और उसके साले ने देवरिया थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई थी। भाई शाह आलम ने तहरीर में कहा था कि शहाबुद्दीन बीती 3 नवंबर को ड्राइवर आदिल के साथ गाड़ी से देवरिया के सलेमपुर थाना क्षेत्र स्थित औरंगाबाद अपनी ससुराल गया था। 4 नवंबर को अपनी ससुराल से कुछ निजी काम के चलते देवरिया कचहरी गए। वहां वकील से बातचीत के बाद देवरिया स्टेशन स्थित मस्जिद में जुमा की नमाज अदा करने के लिए निकले।

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इसके बाद से ही उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया और संपर्क नहीं हो सका। परिजनों को आशंका थी कि राजनीति में सक्रिय होने की वजह से उसके तमाम लोगों से मतभेद रहते हैं। ऐसे में परिजनों को किसी तरह की अनहोनी की आशंका थी। वहीं, सोमवार को हरदोई पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 5 लोगों को मीडिया के सामने पेश किया। उन सभी के गो तस्करी में लिप्त होने का दावा किया। इनमें शहाबुद्दीन भी था।

शहाबुद्दीन के वाहन से पशुओं की तस्करी

पुलिस के मुताबिक, शहाबुद्दीन के वाहन में भरकर पशुओं को तस्करी कर बिहार ले जाया जाता था। इसके एवज में 90 हजार किराया मिलता था। पुलिस का दावा था कि 30 अक्टूबर और 1 नवंबर को गोवंश लदे ट्रकों के पलटने से इस गिरोह के बारे में जानकारी पुख्ता हुई। इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

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बता दें कि शहाबुद्दीन की गिनती क्षेत्र के प्रमुख नेताओं में होती है। सियासत में सक्रिय होने के बाद वो राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल से जुड़ा और कई चुनाव भी लड़े। लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उसने उलेमा काउंसिल छोड़कर सपा की साइकल पर सवारी कर ली। यहां उसे प्रदेश सचिव जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी गई।

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