उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने हाल ही में चर्चा में आए कैश कांड (Cash Kand) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के आवास से बड़ी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद होने के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज न होने पर गहरी चिंता जताई। सोमवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश में कानून का शासन है और किसी भी आपराधिक मामले में एफआईआर दर्ज किया जाना आवश्यक है।
“पूर्ण सच्चाई सामने आए” – उपराष्ट्रपति
धनखड़ ने इस मामले की पारदर्शी जांच की मांग करते हुए कहा, “देश का हर नागरिक इस मामले में सच्चाई जानना चाहता है, और मैं भी यही चाहता हूं कि सच्चाई पूरी तरह सामने आए।” उन्होंने कानून की निष्पक्षता और न्याय प्रणाली की पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया।
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जांच समिति पर सवाल
उपराष्ट्रपति ने इस मामले की जांच कर रही न्यायिक समिति की संवैधानिकता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “यह समिति किस कानूनी या संवैधानिक प्रावधान के तहत गठित हुई है? क्या समिति ने तकनीकी साक्ष्य या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र किए हैं?” उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि यह मामला धीरे-धीरे दब सकता है।
धनखड़ की तीखी टिप्पणी
धनखड़ ने कटाक्ष करते हुए पूछा कि “इस पूरे मामले में सबसे बड़ा शार्क कौन था? क्या यह समय के साथ भुला दिया जाएगा?” उनका इशारा इस ओर था कि असली दोषियों को बेनकाब करना जरूरी है।
न्यायपालिका पर सवाल
उपराष्ट्रपति ने न्यायपालिका के रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश की 1.4 अरब आबादी को एक सप्ताह तक इस गंभीर मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “कल्पना कीजिए, ऐसी कितनी घटनाएं पहले हो चुकी होंगी जिनकी कोई जानकारी सामने ही नहीं आई।”
“राष्ट्रीय हित सर्वोपरि”
धनखड़ ने इस दौरान यह स्पष्ट किया कि वे किसी पर आरोप नहीं लगा रहे, लेकिन जब राष्ट्रीय हित की बात आती है तो हमें ‘भीतर, और ‘बाहर’ की राजनीति छोड़नी होगी। उन्होंने कहा, ‘दोषी साबित होने तक व्यक्ति निर्दोष होता है, लेकिन हमें सच्चाई और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।’ उपराष्ट्रपति के इस बयान ने न्यायपालिका की जवाबदेही और पारदर्शिता पर एक नई बहस छेड़ दी है। उनके अनुसार, कानून का शासन केवल आम नागरिकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हर स्तर पर समान रूप से लागू होना चाहिए।