UP: शिवपाल सिंह यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में शिकंजा कस सकती है CBI

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। सुरक्षा कम किए जाने के बाद अब सपा सरकार में हुए गोमती रिवरफ्रंट घोटाले (Gomti River Front Scam) में सीबीआई तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव की भूमिका की जांच शुरू कर सकती है।

जांच के घेरे में 2 पूर्व आईएएस अफसरों की भूमिका

दरअसल, सीबीआई साल 2017 से गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, गृह विभाग ने बीते दिनों सिंचाई विभाग से गोमती रिवरफ्रंट के निर्माण कार्यों के लिए गठित की गई उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की बैठकों से जुड़े कुछ दस्तावेज मांगे हैं, जिसके आधार पर माना जा रहा है कि जल्द जांच में तेजी आ सकती है। सपा शासनकाल में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे दो पूर्व आईएएस अफसरों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।

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सीबीआई ने 2021 में मांगी थी जांच की अनुमति

सीबीआई ने नंवबर 2021 में राज्य सरकार से तत्कालीन सिंचाई मंत्री, तत्कालीन मुख्य सचिव व प्रमुख स‍िंचाई तथा मुख्य सचिव रहे एक अन्य अधिकारी के विरुद्ध जांच शुरू करने की अनुमति मांगी थी। गोमती रिवरफ्रंट के निर्माण में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं और ईडी ने भी इस मामले में मार्च, 2018 में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी।

स‍िंचाई विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपक स‍िंघल थे और मुख्य सचिव के पद पर आलोक रंजन तैनात थे (अब दोनों सेवानिवृत्त)। दोनों पूर्व अधिकारी टास्क फोर्स का अहम हिस्सा थे। हालांकि अब तक उनके विरुद्ध जांच की अनुमति नहीं मिली है। वहीं, अब शासन ने सिंचाई विभाग से टास्क फोर्स की बैठकों के कार्यवृत्त व संबंधित रिकॉर्ड मांगे हैं, जिससे पूर्व मंत्री व संबंधित अफसरों की भूमिका की जांच हो सके।

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टास्क फोर्स का गठन 2015 में तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुआ था, जिसमें स‍िंचाई विभाग के तत्कालीन अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ जांच में सामने आया था कि कई मौखिक निर्देशों पर टेंडर की शर्तों में परिवर्तन किए गए थे। भुगतान में भी गड़बड़ियां सामने आई थीं। बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने पूर्व में शिवपाल सिंह यादव के करीबी अफसर स‍िंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप स‍िंह यादव समेत अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर किया था।

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