NRC की प्रक्रिया को लेकर एनआरसी (NRC) के अध्यक्ष प्रतीक हजेला के बयान पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने नाराजगी जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रतीक हजेला कौन होते हैं ये कहने वाले कि जिन नागरिकों का नाम ड्राफ्ट में नहीं है वह नए दस्तावेज जमा करें. सुप्रीम कोर्ट ने हजेला से पूछा कि कोर्ट की अवमानना में उन्हें जेल क्यों न भेजा जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने हेजेला के पेपर में इंटरव्यू को लेकर भी नाराजगी जताई है. सप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं जिनका नाम इस मसौदे में नहीं है उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अतिरिक्त या नए दस्तावेज़ जमा करने का मौका दिया जाएगा.पहले हजेला बताएं कि उन्हें इस तरह का बयान देने का अधिकार किसने दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए और केंद्र से पूछा कि वह बताए कि देश में अलग-अलग जगह हो रही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उसके पास क्या योजना है.
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गौरतलब है कि असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट जारी हो चुका है. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ आवेदक वैध पाए गए हैं. 40 लाख आवेदकों का नाम ड्राफ्ट (Draft) से गायब है. बता दें कि असम में एनआरसी का पहला ड्राफ्ट पिछले साल दिसंबर के आखिर में जारी हुआ था. पहले ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे.
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