जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अब नया शिगूफा छोड़ा है. बांदीपोरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘बाकी रियासत बिना शर्त के देश में मिले, पर हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी, अपना संविधान होगा. हमने उस वक्त अपने “सदर-ए-रियासत” और “वजीर-ए-आजम” भी रखा था, इंशाअल्लाह उसको भी हम वापस ले आएंगे.
उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में एक सभा को संबोधित करते हुए उमर ने कहा, ‘आज हमारे ऊपर तरह-तरह के हमले हो रहे हैं, कई तरह की साजिश हो रही है. कई ताकतें लगी हुई हैं जम्मू-कश्मीर की पहचान मिटाने के लिए. कल की बात है जब अमित शाह साहब ने किसी इंटरव्यू में कहा कि हम 2020 तक जम्मू-कश्मीर से 35ए को खत्म कर देंगे.’
बता दें कि जम्मू-कश्मीर का आजादी के बाद भी अपना प्रधानमंत्री हुआ करता था. 1965 के बाद इसे हटा दिया गया. 15 अक्टूबर 1947 से 5 मार्च 1948 तक मेहर चंद महाजन रियासत के पहले प्रधानमंत्री बने थे. 1948 से 1953 तक शेख अब्दुल्ला प्रधानमंत्री रहे.
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