मंगलवार को जहां पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जा रहा था. उसी दौरान यूपी के शाहजहांपुर में मुस्लिमों ने विरोध का आनोखा तरीका अपनाया. मदरसा शिक्षकों ने अपनी (अल्पसंख्यको) की बदहाली के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को जिम्मेदार मानते हुए ‘मोदी-योगी’ के नाम पर कटोरा लेकर भीख मांगी. इतना ही नहीं, ये सभी शिक्षक कटोरा लेकर अधिकारियों के पास भी पहुंच गए. हालांकि, अधिकारियों ने पैसे तो नहीं दिए मगर ज्ञापन ले उनकी परेशानियों को दूर करने का वादा जरूर कर दिया.
Also Read: देखिए इस मदरसे की तालीम, देश है ‘उत्तर प्रदेश’ प्रधानमंत्री का नाम ‘टीपू सुल्तान’
मदरसा शिक्षकों का कहना है कि उन्हें 33 महीने से मानदेय नहीं मिला है. वहीं इस पूरे मामले पर मदरसा शिक्षक फूल मियां का कहना है कि देश में अल्पसंख्यको की स्थिति बहुत खराब है. हमारें ऊपर एक बड़े परिवार की जिम्मेदारी है. हमारा परिवार भूखा मर रहा है. सरकार हमारा मानदेय क्यों नही दे रही है, आज भीख मे मांगा गया पैसा सीएम के राहत कोष में भेजेंगे. इस भीख पैसे को वह कार्य में लगा लें.
Also Read : हरदोई: सरकारी स्कूल के उर्दू शिक्षक ने ‘नमस्ते’ की जगह ‘सलाम वालेकुम’ बोलने का सुनाया फरमान, मचा बवाल
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर अपनी मांगें मनवाने के इस अनोखे तरीके से इन शिक्षकों ने शाहजहांपुर शहर में बीच रोड पर भीख मांगी. एडीएम, प्रशासन और एडीएमई के आफिस भी पहुंचे. मदरसा शिक्षकों का कहना है कि कई बार सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया गया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. मजबूरन आज उन्हे सड़कों पर भीख मांग कर अपना रोष जताना पड़ रहा है. शिक्षकों की मांग है कि जल्द से जल्द बकाया मानदेय उनको दिया जाए.
Also Read: शाहजहांपुर: हिंदू बच्चों ने ‘सलाम’ की जगह बोला ‘नमस्ते’ तो मुस्लिम टीचर चांद मियां ने बुरी तरह पीटा
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )