प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक विस्तृत बातचीत की, जिसमें उन्होंने नेतृत्व, शासन और भारत की प्रगति पर अपने विचार साझा किए। लगभग तीन घंटे की इस चर्चा के दौरान, फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से 2002 के गुजरात दंगों के बारे में सीधे सवाल किया। उन्होंने यह उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दो बार पीएम मोदी को हिंसा में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से मुक्त कर दिया था, फिर भी उन्होंने पूछा कि मोदी उस घटनाक्रम से क्या शिक्षा प्राप्त करते हैं।
2002 से पहले की घटना
प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए 2002 और उससे पहले के घटनाक्रमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 1999 में काठमांडू से दिल्ली आ रहे एक विमान को हाईजैक कर कंधार, अफगानिस्तान ले जाया गया था, जिससे भारत के सैंकड़ों नागरिकों की जान पर बन आई थी। इसके बाद 2000 में लाल किला पर आतंकी हमला हुआ, 2001 में ट्विन टॉवर पर हमला और 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमला हुआ, इन घटनाओं ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। मोदी ने कहा कि इन आतंकवादी घटनाओं ने अशांति और हिंसा को हवा दी, जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं 2002 और गुजरात के दंगों से पहले के 12-15 महीनों का एक संदर्भ देना चाहता हूं, ताकि यह समझा जा सके कि उस समय की स्थिति कैसी थी। 24 दिसंबर 1999 की बात है, यानी तीन साल पहले, जब काठमांडू से दिल्ली आ रहा एक विमान हाईजैक कर लिया गया और उसे कंधार, अफगानिस्तान ले जाया गया। इस घटना में भारत के सैंकड़ों नागरिकों को बंधक बना लिया गया था, और यह किसी के जीवन और मृत्यु का सवाल बन गया था।”प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं 7 अक्टूबर, 2001 को अचानक गुजरात का मुख्यमंत्री बना, तो यह मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी। उस समय राज्य में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, और हजारों लोग मारे गए थे। मुख्यमंत्री के रूप में मुझे इन कार्यों को संभालने का दायित्व मिला। शपथ लेने के बाद, मैंने पहले दिन से ही काम में जुटना शुरू किया। मुझे कभी सरकार का अनुभव नहीं था, न ही मैं कभी विधायक बना था या चुनाव लड़ा था। 24 फरवरी, 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और उसी दिन गुजरात विधानसभा में कदम रखा।”उन्होंने कहा, “27 फरवरी, 2002 को विधानसभा में बजट सत्र चल रहा था, और उस दिन मुझे विधायक बने सिर्फ तीन दिन ही हुए थे कि गोधरा की भयंकर घटना घटित हो गई। इसमें कई लोगों को जिंदा जला दिया गया। यह घटना कंधार विमान अपहरण, संसद पर हमले और बैंक ग्राउंड में बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की हत्या जैसी घटनाओं के साथ जुड़ी हुई थी। यह एक बेहद गंभीर घटना थी। इस समय सभी की यही इच्छा थी कि शांति बनी रहे, लेकिन एक बड़ा दंगा भड़क गया और स्थिति में भ्रम फैल गया।”
गुजरात दंगों का इतिहास
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हो चुके थे। 1969 में हुए दंगे छह महीने तक चले थे। उन्होंने यह भी कहा कि 2002 के बाद, गुजरात में 20-25 वर्षों तक कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। उन्होंने इसे शांति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
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न्यायालय ने दी मोदी को क्लीन चिट
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 2002 के दंगों के बाद उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन अंत में अदालत ने उन्हें निर्दोष ठहराया। उन्होंने यह बताया कि उनकी सरकार कभी भी वोट बैंक की राजनीति नहीं करती, बल्कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के सिद्धांत पर काम करती है।
गुजरात की शांति
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात में 2002 के बाद से कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है और यह राज्य में शांति की स्थापना का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि दंगों के बाद सरकार ने पूरी तरह से न्याय की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी और अदालत ने उनका पक्ष लिया।