मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित एक दिवसीय बौद्धिक गोष्ठी का आयोजन आज दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के कमेटी हाल में संपन्न हुआ। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री चंपत राय उपस्थित रहे। उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि विश्व हिन्दू परिषद का प्रमुख उद्देश्य जीवन मूल्यों की रक्षा करना है। समाज में बढ़ रही आपसी दूरी पर चिंता जताते हुए अस्पृश्यता को उन्होंने गंभीर मानसिक बीमारी कहा। “प्रभु श्रीराम ने भी जटायु को गले लगाया था, हमारा समाज समरस समाज है और हम सभी एक ही महापुरुषों को मानते हैं,” उन्होंने कहा।
Also Read : विद्यार्थियों को मिला डिजिटल सशक्तिकरण का तोहफा, टैबलेट पाकर पीजी छात्रों के खिले चेहरे
श्री राय ने ज़ोर देते हुए कहा कि समाज का कार्य समाज के लिए और समाज के द्वारा ही होना चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद एक गैर-राजनीतिक संगठन है जो समानता और सांस्कृतिक चेतना के लिए कार्य करता है। उन्होंने परिषद के सदस्यों से आग्रह किया कि वे और अधिक लोगों को संगठन से जोड़ें। “आज हम 60 लाख लोगों तक पहुँचे हैं, जबकि देश की जनसंख्या करोड़ों में है। घर जाइए, लोगों से मिलिए और संवाद स्थापित कीजिए,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हमें दीर्घकालीन समस्याओं को समझना होगा और केवल जनजागरण के माध्यम से ही उनका समाधान खोजा जा सकता है।”
हिंदुत्व केवल एक धर्म नहीं, अपितु एक विचारधारा है जो विश्व को शांति की ओर ले जाती है: कुलपति
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि “हिंदुत्व केवल एक धर्म नहीं, अपितु एक विचारधारा है जो विश्व को शांति की ओर ले जाती है।” उन्होंने कहा कि “जब यूरोप और अन्य देशों में अशांति का वातावरण है, तब हिंदुत्व विश्व में संतुलन और सहअस्तित्व का संदेश देता है।” उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यों के लिए विश्व हिंदू परिषद युवाओं को और बड़ी संख्या में अपने साथ जोड़ा।
संगोष्ठी में समाज के गणमान्य लोग, विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने भाग लिया।
देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं