उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में क्रशर कारोबारी की मौत के बाद से फरार चल रहे निलंबित आईपीएस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, अब सस्पेंड आईपीएस पर कोर्ट के नियमों के उल्लंघन का भी केस दर्ज होने की तैयारी है। इसके लिए आदेश भी मिल चुके हैं। मणिलाल पाटीदार की गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस की टीमें लगीं हुईं हैं, लेकिन असफलता हाथ लग रही।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट के आदेश पर पहले निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया। फिर पूर्व एसपी को भगोड़ा घोषित करते हुए सीआरपीसी की धारा 82 के तहत संपत्ति कुर्क करने की उद्घोषणा हुई। धारा 82 की नोटिस में यह आदेश होता है कि अभियुक्त कोर्ट में आत्मसमर्पण करे, मगर मणिलाल पाटीदार ने ऐसा नहीं किया। इसलिए उन पर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन का मामला भी बनता है। इसी आरोप में विवेचक ने पूर्व एसपी के विरुद्ध आइपीसी की धारा 174-ए के तहत मुकदमा कायम करने का आदेश दिया है।
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अभी तक फरार हैं आईपीएस
भगोड़े व 50 हजार के इनामी एसपी मणिलाल पाटीदार खुद को कानून के हवाले नहीं कर रहे हैं। न ही पुलिस के हाथ लग रहे हैं। महोबा के रहने वाले क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की 8 सितंबर को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पांच दिन बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कारोबारी की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई थाने के तत्कालीन थानेदार समेत दो अन्य के खिलाफ हत्या और साजिश की FIR दर्ज कराई थी। अपनी मौत से पहले ही एक वीडियो के जरिए उन्होंने पाटीदार पर संगीन आरोप लगाए थे और अपनी हत्या की आशंका जताई थी।
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