जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घिरे पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी बेशर्मी का प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान (Pakistan) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने इस हमले में शामिल आतंकियों को ‘स्वतंत्रता सेनानी’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया है। डार ने कहा कि पहलगाम में हमला करने वाले लोग स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं, न कि आतंकी। डार के इस बयान के बाद पाकिस्तान की किरकिरी और बढ़ गई है। वहीं, हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिससे इस्लामाबाद की बेचैनी साफ नजर आ रही है।
भारत के फैसलों से बौखलाया पाकिस्तान
भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर रोक लगाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए इशाक डार ने कहा कि यह 240 मिलियन पाकिस्तानियों के लिए जीवनरेखा है। अगर भारत पानी रोकता है, तो इसे युद्ध जैसा कृत्य माना जाएगा। पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
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वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने आरोप लगाया कि भारत पूरे पाकिस्तान में हमले की योजना बना रहा है। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर भारत ने हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाया, तो भारतीय नागरिक भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। यह जैसे को तैसा होगा।
भारत ने लिए पांच सख्त फैसले
हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच अहम फैसले लिए। इनमें शामिल हैं:
- सिंधु जल संधि पर रोक
- अटारी-वाघा बॉर्डर पर एकीकृत जांच चौकी को बंद करना
- दक्षेस वीजा छूट योजना के तहत पाक नागरिकों के वीजा रद्द करना
- पाकिस्तान उच्चायोग के खिलाफ कार्रवाई
- पाकिस्तान में भारतीय दूतावास को बंद करने पर विचार
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कहां और कैसे हुआ हमला
यह आतंकी हमला मंगलवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर हुआ। बंदूकधारियों ने भोजनालयों और पिकनिक स्पॉट के पास मौजूद पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं। यह हमला घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।
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