भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को मारने के इरादे से भारत पहुंचा पाकिस्तानी युवक रिजवान अशरफ (Pakistani Rizwan Ashraf) पाकिस्तान के लाहौर किले में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ने (Statue of Maharaj Ranjeet Singh) में भी कथित तौर पर शामिल था। राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार आरोपी युवक पाकिस्तान में ‘तहरीक-ए-लब्बैक’ नामक इस्लामी समूह से भी जुड़ा है।
बता दें पाकिस्तानी युवक रिजवान 16-17 जुलाई की रात को गंगानगर जिले के हिंदुमलकोट थाना क्षेत्र में सीमा पार कर भारतीय सीमा में आ गया था। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उस पकड़ लिया था और उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। गंगानगर के जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के अनुसार युवक ने बताया कि वह शर्मा को मारने की मंशा से भारत में घुसा था।
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी ने पिछले साल अगस्त में लाहौर किले में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ा था। उस मामले में उसे पाकिस्तान में जेल भेज गया था। सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह की घोड़े पर सवारी करते हुए एक प्रतिमा लाहौर के किले में स्थापित है।
अत्यंत आपत्तिजनक है महाराजा रणजीत सिंह जी की प्रतिमा को तोड़ना, ये विभाजन समझोते का भी सरासर उल्लंघन है यथाशीघ्र इस प्रतिमा को उसी रूप में लगाना चाहिए pic.twitter.com/5AC5UMPFxm
— Manoj Tiwari 🇮🇳 (@ManojTiwariMP) August 17, 2021
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपी पाकिस्तान में एक इस्लामिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक से सक्रिय रूप से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समूह ने एक महीने पहले नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ आरोपी के गांव में विरोध मार्च निकाला था। पुलिस के अनुसार, रिजवान ने पाकिस्तान में एक धार्मिक सभा में हिस्सा लिया था और वहां से प्रेरित होकर उसने शर्मा को मारने की योजना बनाई थी।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अशरफ ने पूछताछ के दौरान कहा कि उसे नहीं पता कि नूपुर शर्मा कहां रहती है और वह कैसे पहुंचेगा। दरअसल, नूपुर शर्मा एक टीवी कार्यक्रम में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कतिपय टिप्पणी के लिए विवादों में आई थीं। पार्टी ने बाद में उन्हें पद से हटाया था।
रिजवान को सीमा सुरक्षा बल ने हिंदूमलकोट में पकड़ा था। उसके पास से एक झोले में दो चाकू, धार्मिक किताबें, खाद्य सामग्री और कपड़े बरामद किए गए थे। उसके खिलाफ विदेशियों विषयक अधिनियम, 1946, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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