प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। औधोगिक शहर जमशेदपुर में दो ऐसे मामले सामने आए हैं जहां मरीजों ने आयुष्मान कार्ड लेकर निजी अस्पतालों के चक्कर लगा काट लिए, लेकिन उनसे कहा गया कि इस कार्ड की कोई वैल्यू नहीं है, इलाज कराना है तो पैसे देने पड़ेंगे।
आयुष्मान कार्ड लेकर भटक रहे मरीज
बता दें कि एमजीएम अस्पताल में इलाज कराने वाली इंदु देवी ने बताया है कि सड़क दुर्घटना में वो घायल हो गई थीं, जिसके बाद उन्होंने आयुष्मान कार्ड के जरिए शहर के कई निजी अस्पतालों में इलाज कराने की कोशिश की। उनका कहना है कि जहां जहां वो गईं, उन्हें वापस लौटा दिया गया।
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इंदु देवी ने बताया कि हर जगह ये कहा गया कि इस कार्ड (आयुष्मान कार्ड) की कोई वैल्यू नहीं है, इलाज कराना है तो आपको पैसे जमा कराने होंगे। ऐसे में मजबूर होकर इंदु देवी एमजीएम अस्पताल में अपना इलाज करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां भी उन्हें महंगी दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।
कार्ड होने के बावजूद नहीं कर रहे इलाज
वहीं, एमजीएम अस्पताल में ही अपनी मां का इलाज करवाने वाले प्रभात महतो ने बताया है कि उसने अपनी मां के पांव का ऑपरेशन करवाने के लिए कई प्राइवेट अस्पतालों से संपर्क किया। प्रभात का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान योजना का कार्ड होने के बावजूद उन अस्पतालों ने उनकी मां का ऑपरेशन करने से साफ तौर पर मना कर दिया।
प्रभात महतो ने बताया कि जब कहीं बात नहीं बनी तो मजबूर होकर एमजीएम आना पड़ा है। सबसे अहम बात ये है कि झारखंड की जिस धरती से पीएम मोदी ने इस योजना की सौगात देश के गरीबों को दी, उसी झारखंड के गरीब इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
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