डेस्क, गोरखपुर| रमजान के आखिरी जुम्मे पर जब शहर की मस्जिदों में इबादत का माहौल था, तब शाह मारूफ स्थित हकीम वसीम अहमद साहब की मस्जिद में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वक्फ संशोधन बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर अलविदा की नमाज अदा की। यह विरोध शांतिपूर्ण था और नारेबाजी या शोरगुल से दूर, एक मूक संदेश देने वाला था। हालांकि यह विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण था, लेकिन इसकी प्रभाविता में कोई कमी नहीं थी।
इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा किया गया था, और इसके तहत गोरखपुर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में भी इसी प्रकार का शांतिपूर्ण विरोध आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की हिफाजत सुनिश्चित करना और वक्फ संशोधन बिल पर सरकार से पुनर्विचार की मांग करना था।
स्थानीय प्रशासन इस विरोध प्रदर्शन को लेकर सतर्क था, लेकिन चूंकि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, इसलिए किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में काली पट्टी बांध रखी थी, जो उनकी चिंताओं और विरोध के प्रतीक के रूप में दिख रही थी।
नमाज अदा करने के बाद जब मीडिया ने कुछ नमाजियों से बात की, तो उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे धार्मिक स्थलों और संपत्तियों की हिफाजत हमारी प्राथमिकता है। हमें लगता है कि सरकार को वक्फ संशोधन बिल पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि हमारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”
यह विरोध प्रदर्शन, जो शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ, ने एक महत्वपूर्ण संदेश सरकार तक पहुँचाया है। प्रदर्शनकारियों ने इस विरोध के माध्यम से सरकार से वक्फ संशोधन बिल पर पुनः विचार करने का आग्रह किया है, ताकि मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक संपत्तियाँ सुरक्षित रह सकें।
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