दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक याचिका दायर कर हिंदुत्व पर कथित टिप्पणी के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की पुस्तक (Book) के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है।
एडवोकेट विनीत जिंदल द्वारा एडवोकेट राज किशोर चौधरी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि सलमान खुर्शीद द्वारा हाल ही में लॉन्च की गई किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम’ में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे कट्टरपंथी जिहादी समूहों से की गई है।
यह टिप्पणी पुस्तक के पृष्ठ 113 पर ‘द केसर स्काई’ नामक एक अध्याय में की गई है, जिसमें कहा गया है कि आईएसआईएस और बोको हराम के लिए हिंदू धर्म की समानता को एक नकारात्मक विचारधारा के रूप में माना जाता है जिसका हिंदू पालन कर रहे हैं और हिंदू धर्म हिंसक, अमानवीय और दमनकारी है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस को दी गई शिकायत में जिंदल ने खुर्शीद के खिलाफ आईपीसी की धारा 153,153ए, 298 और 505 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी, जो संज्ञेय अपराध हैं और बहुत गंभीर है।
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बता दें कि सलमान खुर्शीद ने शनिवार को कहा कि मैंने यह नहीं कहा कि वे एक जैसे हैं (आईएसआईएस और हिंदुत्व)। मैंने यह भी कहा है कि आईएसआईएस और बोको हराम इस्लाम धर्म का दुरुपयोग करते हैं लेकिन किसी इस्लामी अनुयायी ने इसका विरोध नहीं किया। किसी ने नहीं कहा कि मैं उनके धर्म की छवि खराब कर रहा हूं।
सलमान खुर्शीद ने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे हिंदू धर्म के दुश्मन हैं और डरते हैं कि उनकी सच्चाई सामने आ जाएगी।