पीलीभीत: भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार और उसकी पत्नी ने खाया ज़हर, वीडियो वायरल, SDM, चेयरमैन और ठेकेदार पर लगाए आरोप

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) जिले के बरखेड़ा कस्बे में गुरुवार की सुबह एक पत्रकार और उसकी पत्नी ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की है। यह कदम उठाने से पहले दोनों ने एक वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति का ज़िक्र करते हुए तीन लोगों को ज़िम्मेदार ठहराया।

वीडियो में प्रशासन पर लगाए संगीन आरोप

वायरल वीडियो में पत्रकार इसरार हुसैन ने कहा कि वह और उनकी पत्नी अब जीने की स्थिति में नहीं हैं और मजबूरीवश यह कठोर कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बीसलपुर के उप-जिलाधिकारी नागेंद्र पांडे, नगर पंचायत अध्यक्ष श्याम बिहारी भोजवाल और ठेकेदार मोईन हुसैन पर गंभीर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया।

इसरार का दावा

वीडियो में इसरार ने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में बरखेड़ा नगर पंचायत में भ्रष्टाचार से जुड़ी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे मुख्यमंत्री तक ने संज्ञान में लिया। उनका कहना है कि इसके बाद से उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। 19 मई की रात उनके खिलाफ कथित रूप से झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया और पुलिस ने उनके परिवार को भी परेशान किया।

योगी सरकार से लगाई न्याय की गुहार

वीडियो में दंपती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की अपील करते नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हर तरफ से दबाव में लाया जा रहा है और उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

जिला अस्पताल में भर्ती

वीडियो वायरल होते ही परिजन और आसपास के लोग सक्रिय हुए और दंपती को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक पत्नी की हालत चिंताजनक बनी हुई है जबकि इसरार की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

ठेकेदार ने पत्रकार पर लगाया वसूली का आरोप

दूसरी ओर ठेकेदार मोईन हुसैन ने अपनी ओर से दी गई तहरीर में इसरार पर 15,000 रुपये की उगाही की कोशिश और धमकी देने का आरोप लगाया है। मोईन के अनुसार, 18 मई को इसरार एक निर्माण स्थल पर पहुंचे और रकम न देने पर बदनाम करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि इसरार ने मारने की धमकी भी दी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

परिजनों का आरोप

दंपती के परिजनों ने कहा कि पिछले कई दिनों से उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही थीं। उनका आरोप है कि एसडीएम, नगर पंचायत अध्यक्ष और ठेकेदार ने मिलकर झूठा केस दर्ज कराया और पुलिस का इस्तेमाल कर मानसिक प्रताड़ना दी, जिसके चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।

मामले की जांच जारी

बीसलपुर के उप-जिलाधिकारी नागेंद्र पांडे ने इस मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें वीडियो की जानकारी मिली है और थानाध्यक्ष को जांच सौंपी गई है। पांडे ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार की कोई घटना उनके संज्ञान में नहीं है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। दोनों पक्षों की तहरीरें, वायरल वीडियो और बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

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