ट्रंप के आग्रह पर पीएम मोदी ने की कॉल, ऑपरेशन सिंदूर पर 35 मिनट तक चली बातचीत

G7 शिखर सम्मेलन (G7 shikhar summit) के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच करीब 35 मिनट तक फोन पर बातचीत हुई। यह कॉल राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर हुआ और इसमें कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। दोनों नेताओं की यह सीधी बातचीत ऑपरेशन सिंदूर के बाद जारी संघर्ष विराम की स्थिति के बीच हुई है।

G7 समिट में नहीं हो पाई थी मुलाकात

इससे पहले दोनों नेताओं की G7 समिट के दौरान भेंट तय थी, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप को अमेरिका लौटना पड़ा, जिससे यह मुलाकात टल गई। इसके बाद उन्होंने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी से संपर्क किया।

ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का फैसला किया। 6-7 मई की रात भारत ने सीमित और सटीक सैन्य कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन बेहद संतुलित था और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

जेडी वेंस की चेतावनी और भारत का जवाब

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, 9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान कोई बड़ा हमला कर सकता है। इस पर मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत तैयार है और पाकिस्तान को इससे बड़ा जवाब देगा। भारत ने 9-10 मई की रात पाकिस्तान के हमले का करारा जवाब दिया, जिससे उसे भारी सैन्य नुकसान उठाना पड़ा।

ट्रेड डील या मध्यस्थता पर नहीं हुई कोई बात

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को साफ किया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी मध्यस्थता को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत इस तरह की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करता।

सीजफायर पर बात 

मोदी ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से ही भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह किया गया था और इस संबंध में संवाद दोनों देशों की सेनाओं के मौजूदा चैनलों के माध्यम से हुआ था।

ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है

प्रधानमंत्री ने ट्रंप को यह भी अवगत कराया कि भारत अब आतंकवाद को ‘प्रॉक्सी वॉर’ नहीं बल्कि एक प्रत्यक्ष युद्ध के रूप में देखता है और ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। इस पर राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रुख को समझते हुए आतंक के खिलाफ उसकी लड़ाई को समर्थन दिया।

इजरायल-ईरान और रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा

दोनों नेताओं ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति पर भी विचार साझा किए। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि सभी पक्षों को शांति की दिशा में सीधे संवाद की कोशिश जारी रखनी चाहिए।

इंडो-पैसिफिक और QUAD पर विचार साझा

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को लेकर भी मोदी और ट्रंप ने अपने विचार रखे। उन्होंने QUAD की भूमिका को अहम बताया और इसके भविष्य को लेकर समर्थन जताया।

भारत आने का ट्रंप को न्योता

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार करते हुए कहा कि वह भारत आने को लेकर उत्साहित हैं। हालांकि, कनाडा से लौटते समय अमेरिका होकर जाने के ट्रंप के प्रस्ताव को मोदी ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण असमर्थता जताई।