प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कानपुर रैली (Kanpur Rally) में आए समर्थकों को भड़काकर बवाल कराने की साजिश के मामले में पुलिस ने 2 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अब तक 7 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है, जबकि अभी तीन और वांछितों की तलाश की जा रही है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बवाल के नाटक की प्लानिंग 2 दिन पहले सचिन केसरवानी के घर पर की गई। आरोपियों का दावा है कि उन्होंने बवाल के मकसद से नहीं बल्कि अपनी नेतागिरी चमकाने के इरादे से इस घटना को अंजाम दिया।
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि 26 दिसंबर की रात यानी प्रधानमंत्री की रैली से दो दिन पहले सपा छात्र सभा के राष्ट्रीय सचिव सचिन केसरवानी ने अपने निवास आवास विकास नौबस्ता में बैठक बुलाई। इस बैठक में वही लोग शामिल हुए, जो कि वीडियो में नजर आ रहे हैं। तय हुआ कि अगर राजनीति में चमकना है तो कुछ ऐसा विवादित करना होगा, जिससे नाम हो।
उन्होंने बताया कि ऐसे में योजना बनी कि अपनी ही किसी गाड़ी को भाजपा के बैनर पोस्टर से सजाकर लाया जाए और तोडफ़ोड़ करते हुए उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया जाए। चूंकि कोई शिकायत नहीं करेगा, इसलिए पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी और पार्टी में उनका नाम भी हो जाएगा। सचिन ने पुलिस को बताया है कि उसका इरादा बवाल कराने का नहीं बल्कि नाम कमाने का था। उसे नहीं पता था कि उसके इस कदम का इतना बड़ा दूरगामी परिणाम भी हो सकता है।
ये वही समाजवादी पार्टी है जिसके मुखिया अखिलेश यादव यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मृत्यु की सार्वजनिक कामना करते हैं। आज इन लाल टोपी वाले गुंडों ने मोदीजी का पोस्टर लगी एक कार में तोड़फोड़ की। यही कारण है यूपी की जनता आज भी इन गुंडों वाली सरकार को याद करके सिहर जाती है.. pic.twitter.com/Cv8g0jRfB0
— Sanjay Rai (@sanjayraiupbjp) December 28, 2021
पुलिस कमिश्नर के अनुसार, आरोपियों के बयानों पर उन्हें साजिश की योजना से क्लीनचिट नहीं दी जा सकती। अभी पुलिस जांच कर रही है। वहीं इंस्पेक्टर नौबस्ता अमित भड़ाना ने बताया कि इस प्रकरण में वीडियो में कैद दो और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों का समाजवादी पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है, बल्कि यह निकेश यादव के दोस्त हैं, जो उसके ही बुलाने पर आए थे। उनके नाम अंश उर्फ सिब्बू और जितेंद्र हैं। दोनों को जेल भेज दिया गया है।
शुकांत पर पुलिस पर हमला करने का आरोप, अंश पर लूट के बाद हत्या का मामला
जानकारी के अनुसार, सपा नेताओं के इस गुट में कई अपराधी तत्व शामिल थे। सुकांत शर्मा पुलिस पर हमले का आरोप है और उसके खिलाफ कई अन्य मुकदमे भी दर्ज हैं। गुरुवार को गिरफ्तार अंश भी शातिर अपराधी है। अंश के खिलाफ लूट के बाद हत्या का मामला दर्ज है। दिसंबर 2015 में हंसपुरम स्थित लालपुर में खाली पड़े प्लाट में प्रेमनारायण का शव मिला था। जांच में सामने आया था कि प्रेमनारायण से 65 हजार रुपये लूटे गए और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या में अंश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिसमें वह जमानत पर जेल से बाहर है।
प्लानिंग के तहत शूट किया वीडियो
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपियों ने प्लानिंग के तहत वीडियो शूट किया। किसी को शक न हो, इसलिए एक साथी के गले में परिचय पत्र डालकर पत्रकार बनाया गया, ताकि यह दर्शाया जा सके कि वीडियो मीडिया ने कवर करके बनाया है। पुलिस पत्रकार बने उस साथी की तलाश भी कर रही है।
वहीं, अंकुर पटेल की बताई जा रही जिस कार में पथराव हुआ, उसके मालिकाना हक की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। कार अभी भी मथुरा निवासी राधारमण के नाम पर है। पुलिस को शक है कि यह कार कहीं चोरी की तो नहीं है। अंकुर ने पुलिस को बयान दिया है कि उसने एक आनलाइन साइट पर जाकर कार खरीदी थी।
आरोपियों की सीडीआर खंगाल रही पुलिस
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बुधवार को गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपितों में से चार को लखनऊ के पारा थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने सभी आरोपितों के मोबाइल की सीडीआर यानी काल डिटेल रिकार्ड निकलवाया है। जांच की जा रही है कि कहीं इस साजिश में सपा का कोई बड़ा नेता तो शामिल नहीं था। चारों आरोपित लखनऊ क्यों भागे और उनके संपर्क में घटना से पहले या बाद में कौन था, इसकी जांच की जा रही है।
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