प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) की आलोचना करने वालों पर करारा प्रहार किया है। मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्म का मजाक उड़ाते हैं, आस्था का अपमान करते हैं और समाज को बांटने की कोशिश करते हैं।
समाज की एकता को तोड़ना इनका एजेंडा
पीएम मोदी ने कहा, ‘हिंदू धर्म से नफरत करने वाले लोग सदियों से मौजूद रहे हैं। गुलामी की मानसिकता में फंसे ऐसे लोग हमारी आस्था, विश्वास, मंदिरों, संस्कृति और परंपराओं पर हमला करते रहते हैं। ये लोग हमारे त्योहारों और रीति-रिवाजों को अपमानित करते हैं और समाज की एकता को तोड़ना इनका एजेंडा है।’
आज कल हम देखते हैं कि नेताओं का एक वर्ग ऐसा है जो धर्म का मखौल उड़ाता है, उपहास उड़ाता है, लोगों को तोड़ने में जुटा है और बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती दिखती है।
हिंदू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग, सदियों से किसी न किसी… pic.twitter.com/EL83uH3kD0
— BJP (@BJP4India) February 23, 2025
‘विदेशी ताकतों की तरह काम कर रहे विरोधी’
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि “देश को कमजोर करने वाली विदेशी ताकतें भी इन्हीं लोगों का समर्थन करती हैं ताकि हमारी संस्कृति और धर्म को चोट पहुंचाई जा सके। हाल ही में महाकुंभ में भगदड़ से हुई 18 लोगों की मौत और संगम के पानी में गंदगी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्यु कुंभ’ कहा था, जबकि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इसके खर्च और आयोजन पर सवाल उठाए थे।
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वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को महाकुंभ के आलोचकों पर सीधा जवाब माना जा रहा है। उन्होंने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान बताया और कहा कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
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