प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) से 25 अक्टूबर को राष्ट्रीय योजना आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ करेंगे. पांच वर्ष तक चलने वाली इस योजना के लिए 64,180 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है. इसकी घोषणा 2021-2022 के केंद्रीय बजट में की गई थी. 25 अक्टूबर को पीएम वाराणसी के मेहदीगंज में एक बड़ी जनसभा के दौरान इस योजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
कुछ दिनों पहले ही भारत ने कोविड-19 के टीकाकरण का सौ करोड़ का लक्ष्य अपने दम पर हासिल कर दुनिया मे रिकॉर्ड बनाया है. ये प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आत्मबल व उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में सीएम योगी जी के कुशल नेतृत्व के कारण ही संभव हो पाया है. उत्तर प्रदेश पूरे भारत मे टीकारण में सबसे ऊपर रहा है. पीएम 25 तारीख़ को काशी की धरती से योजना की शुरआत करेंगे. जो देश को स्वस्थ भारत की ओर आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा. इस योजना से आने वाले वर्षो में समाज के अंतिम तबके तक के लोगो के स्वस्थ को सुधारने में भाजपा सरकार की भूमिका घर-घर पहुँचने वाली है.
मोदी सरकार ने स्वस्थ भारत के लिये चार-स्तरीय रणनीति बनाई है. जिसमें स्वच्छ भारत अभियान, योग, गर्भवती महिलाओं बच्चों की समय पर देखभाल एवं उपचार जैसे उपायों सहित बीमारी की रोकथाम व स्वास्थ्य कल्याण को बढ़ावा देना है. समाज के वंचित वर्ग के लोगों को सस्ता और प्रभावी इलाज मुहैया कराना है. स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की गुणवत्ता को बढ़ाना. इनमे आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिये एक मिशन मोड पर काम करना भी है.
इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 में की गई थी. इस योजना का उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करना है. देश में ही अनुसंधान, परीक्षण और उपचार के लिये एक आधुनिक व्यवस्थित तंत्र विकसित करना है. यह योजना केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है और इसके लिये लगभग 64,180 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है, जिसकी अवधि 5 वर्ष है.
इस योजना में 17,788 ग्रामीण तथा 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के विकास के लिये समर्थन प्रदान करना तथा सभी ज़िलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं 11 राज्यों में 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना करना है. 602 ज़िलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में ‘क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक’ स्थापित करने में सहांयता करना. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) तथा इसकी 5 क्षेत्रीय शाखाओं एवं 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मज़बूत करना है. सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिये सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों तक एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार करना भी है.
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