उत्तर प्रदेश पुलिस में अक्सर अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की समस्या को अनदेखा कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला गोरखपुर जिले में सामने आया है। जहां एसएसपी के आदेश पर एक सिपाही की ड्यूटी गोरखनाथ मंदिर में लगाई गई, लेकिन थानाध्यक्ष ने जबरन दूसरे सिपाही को उस सिपाही की ड्यूटी पर भेज दिया। ऐसे में सिपाही ने एसएसपी को खत लिखकर थानाध्यक्ष की शिकायत की है।
मनमानी करते हैं थानाध्यक्ष
दरअसल, गोरखपुर के गोला थाने में तैनात सिपाही रामनयन भारती ने एसएसपी को पत्र लिखकर थानाध्यक्ष की शिकायत की है। सिपाही का कहना है कि एसएसपी के आदेश पर कांस्टेबल संतोष कुमार यादव की ड्यूटी गोरखनाथ मंदिर (खिचड़ी मेला) में दिनांक 5 जनवरी से 20 जनवरी 2019 तक लगाई गई है। कांस्टेबल संतोष कुमार यादव थाने पर मौजूद है फिर भी उसे थाना प्रभारी जबरदस्ती उसकी ड्यूटी पर भेज रहे हैं।
सिपाही ने पत्र में लिखा है कि थाना प्रभारी इनसे रात में सरकारी गाड़ी से जानवर की गाड़ी पास कराकर धन उगाही करवाते हैं। प्रभारी उप-निरीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला के सहयोग से धन उगाही की जाती है। सिपाही ने पत्र में लिखा है कि इस संबंध में मैंने बोला कि कांस्टेबल संतोष कुमार यादव की ड्यूटी करने नहीं जाऊंगा, मेरी तबियत ठीक नहीं है, फिर भी मेरी रवानगी कर दी गई। सिपाही ने पत्र में लिखा कि अनुसूचित जाति का होने की वजह से मुझे बार-बार प्रताड़ित किया जाता।
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सिपाही ने लिखा है कि एसएसपी के आदेश पर ड्यूटी लगाई जाती है तो उनके आदेश का पालन नहीं किया जाता है। जो कर्मचारी थाने में धन उगाही करके प्रभारी महोदय को देते हैं, उनकी ड्यूटी के बजाय दूसरे आरक्षीगण को भेजा जा रहा है। जिससे पूरे थाने में रोष है, थाना प्रभारी चुनिंदा लोगों की ड्यूटी एक ही स्थान पर लगाकर भ्रष्टाचार करवाते हैं। इसीलिए इन लोगों को ड्यूटी पर कभी नहीं भेजते हैं।
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