नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ग्रेनो के पी-4 सेक्टर स्थित यूपी पुलिस के एक एसपी के मकान पर छापेमारी कर 1800 किलो ड्रग्स बरामद की है। एनसीबी का दावा है कि यह देश में पकड़ी गई अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप है, जिसकी कीमत 400 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस मामले में दक्षिण अफ्रीकी मूल की एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ में तैनात हैं एसपी देवेंद्र पीएन पांडेय
महिला महिला ने पूछताछ में बताया कि ग्रेनो से ड्रग्स की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर व विदेशों में होती थी। बरामद ड्रग्स के जखीरे के बारे में 3 दिन तक स्थानीय पुलिस को खबर नहीं थी। मिली जानकारी के मुताबिक, ड्रग्स का धंधा जिस मकान से चल रहा था वह लखनऊ में तैनात एसपी देवेन्द्र पी. एन. पांडेय का है। फिलहाल वह वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात हैं।
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एसपी पीएन पांडेय ने बताया कि एजेंट के माध्यम से मकान को किराये पर दिया था, हर माह 24 हजार रुपये किराया तय हुआ था, किरायेदारों पर बिजली व किराये का करीब 5 लाख रुपये बकाया हैं। उन्हें नहीं पता था कि मकान में यह सब हो रहा है।
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सूत्रों ने बताया कि इससे पहले भी ग्रेनो के ओमीक्रॉन-2 में नशीला पदार्थ बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इसमें अफ्रीकी मूल के 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यहां से काफी मात्रा में सामान बरामद हुआ था। अप्रैल में इस मामले में अफ्रीकी मूल के लोगों को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सजा भी सुनाई थी।
अफ्रीकी महिला की निशानदेही पर पड़ा छापा
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरुवार को एनसीबी ने दक्षिणी अफ्रीकी मूल की एक महिला को 24 किलो ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। वह दक्षिण अफ्रीका जाने की तैयारी में थी। उसी की निशानदेही पर एनसीबी ने उसी दिन ग्रेनो में छापा मारकर ड्रग्स का जखीरा बरामद किया। दिल्ली में खुलासे के बाद स्थानीय पुलिस ने शनिवार शाम जांच के लिए पहुंची और आसपास रह रहे अफ्रीकी मूल के लोगों के मकानों की तलाशी ली।
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सूत्रों ने बताया कि ड्रग्स तस्करों ने किराये पर लिए मकान के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए थे। बताया जा रहा है कि इन कैमरों को मोबाइल से कनेक्ट किया गया था। अगर कोई मकान के आसपास भी आता तो उन्हें पता चल जाता था और सतर्क हो जाते थे। इस गैंग के सरगना दिल्ली व विदेशों में बैठकर अपने अड्डे पर नजर रखते थे।
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