कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे को संरक्षण देने वाले 48 पुलिसकर्मियों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है। दरअसल, एसआईटी की जांच में इन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। इन सभी ने असलहा लाइसेंस बनवाने में शुरुआत से ही विकास दुबे और उसके साथियों की मदद की। इसके चलते अब सभी के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।
11 सीओ का नाम भी शामिल
जानकारी के मुताबिक, एसआईटी की जांच में ये बात सामने आई थी कि 48 पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे व उसके गैंग के सदस्यों के शस्त्र लाइसेंस बनवाने में मदद की। बता दें एसआईटी ने पहले 37 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया। इसमें इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाही शामिल हैं। इसके बाद जांच में 11 सीओ के नाम भी सामने आए।
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आरोपित सीओ में से कई रिटायर हो चुके हैं तो कई प्रमोशन तक पा चुके हैं। पर जल्द ही इन सभी को बयान के लिए बुलाया जा सकता है। सीओ की जांच एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार कर रहे हैं। वहीं 23 पुलिस कर्मियों की जांच एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल के पास है। अन्य दोषी अफसरों की जांच डीआईजी कर रहे हैं। विभाग की तरफ से इन सभी को नोटिस पहुंचा कर इनका पक्ष रखने की बात कही गई है।
ये सीओ बने आरोपी
बता दें कि एसआईटी की जांच में नंदलाल, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -करुणाकर राय, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -सुंदर लाल, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -प्रेमप्रकाश, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -राम प्रकाश अरुण, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -सुभाष चंद्र शाक्य, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -24 जुलाई 1997 को नियुक्त तत्कालीन सीओ बिल्हौर -लक्ष्मी निवास, तत्कालीन सीओ बिल्हौर -अमित कुमार, तत्कालीन सीओ कार्यालय, पासपोर्ट -हरेंद्र कुमार यादव, तत्कालीन सीओ सीसामऊ -12 जुलाई 1997 को नियुक्त तत्कालीन सीओ रसूलाबाद के नाम शामिल हैं।
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