उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के थाना नगीना में तैनात ट्रेनी आईपीएस/थाना प्रभारी निरीक्षक के नाम पर सिपाही द्वारा सट्टेबाज से चार देशी मुर्गे मांगने का ऑडियो वायरल होने के मामले में पुलिस की फजीहत अभी कम नहीं हुई थी कि ट्रेनी आईपीएस द्वारा ऑडियो प्रकरण को हजम कर सिपाही पर चुनावी ड्यूटी में गैरहाजिर होने का मुकदमा दर्ज कराना आईपीएस के गली की फांस बन गया है।
चुनावी ड्यूटी पर तैनात सिपाही को किया गैरहाजिर
सूत्रों ने बताया कि आरोपी सिपाही के पास तीनों जनपदों की चुनाव ड्यूटी के समस्त कागजात मौजूद हैं। इतना ही नहीं, मुकदमे में आईपीएस का खुद वादी बनना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। वहीं, जिले में चर्चा है कि आईपीएस ने अपनी गर्दन फंसती देख सिपाही को ही बलि का बकरा बना दिया। हालांकि, एडीजी ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए एसीप को आदेश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, बिजनौर जिले के नगीना थाने में तैनात सिपाही बालिस्टर का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें सिपाही नगर के सट्टेबाज शमसाद से ट्रेनी आईपीएस/थाना प्रभारी निरीक्षक सत्यजीत गुप्ता के लिए चार देसी मुर्गों की डिमांड कर रहा है। सोशल मीडिया में यह मामला आने के बाद यूपी पुलिस की जमकर फजीहत हुई।
सिपाही के पास ड्यूटी पर तैनाती के सारे सबूत
अधिकारियों की फटकार और मीडिया को जवाब देने का आईपीएस को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। ऐसे में आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपनी साख बचाने के लिए सिपाही पर गाज गिराने का मन बना लिया। आईपीएस ने 10 मई को आरोपी सिपाही बालिस्टर के खिलाफ चुनाव ड्यूटी में गैरहाजिर होने का मुकदमा दर्ज कराया। जबकि सिपाही बालिस्टर बीती 25 अप्रैल को नगीना थाने से रवानगी करने के बाद 29 अप्रैल को हरदोई, 06 मई को बाराबंकी और 12 मई को आजमगढ़ में चुनाव ड्यूटी पर पूरी तरह मुस्तैद रहा है।
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इतना ही नहीं सिपाही के पास अपनी ड्यूटी के समस्त कागजात भी मौजूद हैं। सूत्रों की मानें तो सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पहले तो आईपीएस ने थाने के स्टाफ पर दबाव बनाया, लेकिन जब कोई भी राजी नहीं हुआ तो मजबूर होकर खुद आईपीएस सत्यजीत गुप्ता को मुकदमे का वादी बनना पड़ा। सिपाही बालिस्टर के लोकसभा चुनाव के पिछले तीन चरणों में ड्यूटी पर साबित हो जाने से पूरे यूपी में आईपीएस सत्यजीत गुप्ता की और ज्यादा किरकिरी होने लगी है। पूरे जिले में चर्चा है कि आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपने को देसी मुर्गों से अलग करते हुए सिपाही को ही बलि का बकरा बनाया है जबकि यह मामला सट्टेबाजों और पुलिस के गठजोड़ का है।
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जिस तरह से ऑडियो में मुर्गों की डिमांड की गई, इससे साफ पता चलता है कि सटोरियों और अपराधियों की थाने में कितनी गहरी पैठ है। अब चूंकि यह मामला ट्रेनिंग पर आए आईपीएस सेवा के अधिकारी से जुड़ा है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है। उधर, एडीजी जोन (बरेली) अविनाश चंद्र ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एसपी बिजनौर संजीव त्यागी को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
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