लखनऊ पुलिस का कारनामा, आरोपी का पता वेरिफाई करने के लिए 10 हजार की रिश्वत लेने पर अड़ा चौकी इंचार्ज

राजधानी लखनऊ में करीब आठ महीने से जालसाजी के आरोप में जेल में बंद आरोपी की जमानत के लिए दारोगा पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। आरोपी के पिता और बुआ के पते के वेरिफिकेशन के लिए वजीरगंज के बारूद खाना चौकी इंचार्ज ने जमानतगीर से 10 हजार रुपए की मांगी है। ये आरोप जेल में बंद आरोपी की मां ने लगाया है।


एसएसपी से की चौकी इंचार्ज की शिकायत

जानकारी के मुताबिक, 29/3 टीला लक्ष्मण प्रसाद वजीरगंज की रहने वाली शाकिया ने एसएसपी कलानिधि नैथानी को घूस मांगने वाले दारोगा पर कार्रवाई करने के लिए शिकायती पत्र भी भेजा है। शाकिया द्वारा एसएसपी को लिखे पत्र में कहा गया है कि वो पिछले पचास सालों से ज्यादा समय से इसी मकान में रह रहा है जिसका उनके पास दस्तावेजी सबूत भी है। बावजूद इसके बारूद खाना चौकी इंचार्ज महेश कुमार उनके निवास की रिपोर्ट लगाने के लिए दस हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।


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वहीं, इंस्पेक्टर वजीरगंज ने अपने दारोगा का बचाव करते हुए कहा कि दारोगा ने रिपोर्ट सही लगाई है। शिकायतकर्ता शाकिया के पति गुडंबा पीएचसी में वार्ड ब्वॉय के पद पर कार्यरत मोहम्मद उमर का कहना है कि उनके बेटे मोहम्मद फिरोज को आठ महीने पहले साइबर सेल ने जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायलय ने उनके बेटे की जमानत मंजूर कर ली है।


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रिश्वत नहीं मिलने पर चौकी इंचार्ज ने लगाई गलत रिपोर्ट

मोहम्मद उमर के मुताबिक, एक जमानत उन्होंने और दूसरी जमानत उनकी बहन कनीज़ बानों ने लेने के लिए आवेदन किया था लेकिन बारूद खाना चौकी इंचार्ज महेश कुमार ने उनके निवास को सत्यापित करने के लिए दस हजार रिश्वत मांगी। मोहम्मद उमर का कहना है कि उनकी आयु 58 साल है, उनका जन्म इसी घर में हुआ था लेकिन दारोगा रिश्वत लेने के लिए ये साबित करने पर आमादा है कि उनका पता गलत है।


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मोहम्मद उमर का कहना है कि रिश्वत मांगने वाले दारोगा ने रिश्वत न मिलने पर गलत रिपोर्ट भेजी है जबकि दारोगा के पास कोई ऐसा सबूत नहीं है जो ये साबित करे कि वो जिस मकान में रहते हैं, उसका पता गलत है। मोहम्मद उमर का कहना है कि वो सच को सच साबित करने के लिए रिश्वत नहीं देंगे, इसके लिए चाहे जितनी बड़ी भी कीमत चुकाना पड़े।


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