उत्तर प्रदेश पुलिस सूबे के 327 सरकारी स्कूलों में एक नई पहल करने जा रही है। जिसके तहत इन स्कूलों में अब एनसीसी की तर्ज पर स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) तैयार होंगे। अधिकारियों का मानना है कि इससे जहां भविष्य में बेहतर पुलिसिंग की तस्वीर बनाने की कोशिश की जाएगी, वहीं, बच्चों में अच्छे, सच्चे और ईमानदार नागरिक की नींव तैयार होगी। खास बात तो ये है कि पुलिस की नौकरी के लिए भी एसपीसी के प्रमाणपत्र पर छूटी मिलेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, कानपुर रेंज के 21 स्कूलों में इस योजना की तैयारी शुरू हो चुकी है। आइजी आलोक सिंह ने जिलों में नोडल अफसर तय करने के साथ पुलिस कप्तानों को जल्द क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में एसपीसी की ट्रेनिंग में बुनियादी कानून और पुलिस की कार्यप्रणाली से रूबरू कराया जाएगा।
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सूत्रों का कहना है कि आदर्श मूल्यों और नैतिकता की शिक्षा देकर पुलिस और स्कूली छात्रों के बीच मजबूत रिश्ता बनाया जाएगा। इन्हें एनसीसी के सी सर्टिफिकेट की तरह पुलिस की नौकरी के लिए छूट (1.5 अंक) तक मिलेंगे।
होगा अलग झंडा और यूनीफॉर्म
सूत्रों का कहना है कि एसपीसी में आठवीं और नौवीं के बच्चे शामिल किए जाएंगे। नौवीं कक्षा पास करने के बाद एसपीसी के कैंप लगवाए जाएंगे। कैडेट को प्रशिक्षण मूल्यांकन के बाद प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इन्हें स्थानीय मुद्दों के तहत कार्य करना होगा। महिला पुलिस स्टेशन, बाल सुरक्षा गृह, यातायात पुलिस, दमकल स्टेशन, थाना पुलिस और पुलिस लाइन ले जाकर कार्यशैली बताई जाएगी।
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जानकारी के मुताबिक, एसपीसी कैडेट के लिए एक विशेष यूनिफार्म, एक प्रतीक चिह्न और झंडा भी है। इसे परेड व प्रशिक्षण के दौरान धारण करेंगे। साथ ही शिक्षक कम्युनिटी पुलिस आफीसर (सीपीओ) और अपर सीपीओ के तौर पर काम करेंगे। उन्हें पुलिस अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली से अवगत कराएंगे। हर स्कूल में थाना स्तरीय (एक दारोगा) नोडल होगा। जिले में एक डिप्टी एसपी नोडल बनाया गया है।
आईजी आलोक सिंह ने बताया है कि छात्र-छात्राओं को सुरक्षा और शांति के प्रति जागरूक करने के साथ उनमें आत्मबल पैदा हो, इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। योजना का क्रियान्वयन जल्द होगा।
आईजी आलोक सिंह ने दी जानकारी
वहीं डीएम, एसएसपी, जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी माह में एक बार औचक निरीक्षण करेंगे। एसपीसी योजना में कोई पाठ्यपुस्तक या किसी परीक्षा का प्रावधान नहीं है। महीने में एक क्लास का प्रस्ताव है।
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अपराध की रोकथाम के तहत सामुदायिक पुलिस, सड़क सुरक्षा, सामाजिक बुराइयों से जंग, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था पर शिक्षा दी जाएगी। सदाचार और नैतिकता के लिए सहनशीलता, टीम भावना, बुजुर्गों का आदर, असहाय के प्रति सहानुभूति और अनुशासन भी शामिल है।
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