उत्तर प्रदेश के कुछ पुलिसकर्मी मीडियाकर्मियों से अभद्रता करने से बाज नहीं आ रहे हैं. बता दें जिस प्रयागराज में डीजीपी (DGP) ओ.पी. सिंह ने संस्कारी पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी, उन्हीं संस्कारी पुलिसकर्मियों ने प्रयागराज में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यक्रम से पहले कवरेज करने गए टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) के फोटो जर्नलिस्ट अनुज खन्ना के साथ संगम तट पर मारपीट की. फोटो जर्नलिस्ट की मारपीट में पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी संगम अभय नारायण राय भी शामिल थे. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने धक्का-मुक्की के साथ कैमरा तोड़ने का भी प्रयास किया.
राष्ट्रपति के कार्यक्रम की कवरेज से पहले फोटो जर्नलिस्ट के साथ मारपीट होने से पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है. पत्रकारों से मारपीट की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई. मौके पर पहुंचे अधिकारी पत्रकारों से माफी मांगकर मामले को रफा दफा करने में जुटे थे. पुलिस का कहना है कि राष्ट्रपति की सुरक्षा की दृष्टि से उधर से जाने से प्रतिबंध था, लेकिन वह उधर से गाड़ी लेकर जा रहे थे. जब उन्हें रोका गया तो वह जिद पर अड़ गए. पुलिस कितना सच बोल रही है ये जांच का विषय है, लेकिन पत्रकार से अभद्रता करना निंदनीय है.
रेलवे सुरक्षा बल के सिपाही ने पत्रकार से की अभद्रता
वहीं दूसरी तरफ गोंडा जिला के बभनान रेलवे स्टेशन पर तैनात रेलवे सुरक्षा बल सिपाही शैलेन्द्र चौहान ने खबर की कवरेज करने गए मीडिया कर्मी सौरव मिश्रा से अभद्रता का परिचय दिया और कवरेज करने से रोक दिया. जहां सरकार एक तरफ मीडिया को चौथा स्तंभ मान रही है, वहीं कर्मचारियों की रवैया मैं कोई सुधार नहीं हो रहा है और आए दिन ऐसी ही घटनाएं बढ़ती जा रही है. सरकार का अपने ही अधिकारियों के ऊपर कोई अंकुश नहीं रह गया है और यह लोग कुछ भी बोल रहे हैं. आरोप है कि अपना परिचय देने के बाद भी सिपाही अभद्रता से पेश आया और सभी पत्रकारों पर बोला यह लोग आते हैं और फोटो खींचते हैं. वीडियो बनाकर चले जाते हैं और कोई कुछ नहीं करता है. जहां सरकार पत्रकारों को भीड़ का हिस्सा नहीं मानती, वही पुलिसकर्मियों का यह बर्ताव निंदनीय है.
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