आपने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को अपने रवैये के कारण अक्सर आलोचनाओं से घिरते देखा होगा, लेकिन कुछ दागदार पुलिसकर्मी पूरे महकमें को गंदा नहीं कर सकते. कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं जो मानवता की मिसाल पेश करते हैं भले ही वे सुर्खियों में नहीं आ पाते. ऐसी ही एक मिसाल पेश की है, वाराणसी में तैनात पुलिसकर्मी राकेश सरोज (Constable Rakesh Saroj) ने.
दरअसल राकेश सरोज ने एक अजनबी शख्स के 9 दिन के बेटे की जान बचाने के लिए सुबह 3 बजे ब्लड डोनेट किया. राकेश के इस काम की हर तरफ तारीफ हो रही है. यही नहीं, उनके इस कार्य के लिए अफसरों ने उन्हें सम्मानित भी किया है. इसकी जानकारी वाराणसी पुलिस ने ट्वीट कर दी.
डॉक्टर ने पिता का खून लेने से किया इनकार
मिली जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के महमूरगंज इलाके में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में बिहार के रहने वाले एक व्यक्ति का 9 दिन का बेटा भर्ती है. मंगलवार की रात डॉक्टरों ने जांच के बाद नवजात की जान बचाने के लिए खून चढ़ाने को कहा. पिता तुरंत ही अस्पताल से निकलकर खून लेने आईएमए पहुंचा. लेकिन नियम के अनुसार, जितना खून चाहिए होता है उतना ही डोनेट करना होता है. ऐसे में बेटे की जान बचाने के लिए पिता खून देने के लिए तैयार हो गया. लेकिन आईएमए के ब्लड बैंक ने उसके स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खून लेने से इनकार कर दिया.
अफसरों ने किया सम्मानित
वाराणसी में उस अनजान व्यक्ति के पास ऐसा कोई नहीं था, जो देर रात आकर बच्चे की जान बचाने के लिए खून दे सके. ऐसे में ब्लड बैंक के बाहर फूट-फूटकर रो रहे व्यक्ति को देख चेतगंज थाने के सिपाही राकेश सरोज (Constable Rakesh Saroj) ने रोने की वजह पूछ ली. यह पता चलने पर कि एक यूनिट खून मिलने से उसके बेटे की जान बच सकती है, राकेश ने अपना खून देने में जरा भी देर नहीं की. नवजात के पिता ने सिपाही को इस कार्य के लिए धन्यवाद भी दिया. अगली सुबह जब अफसरों को इस बात की जानकारी मिली तो चेतगंज सीओ अंकिता सिंह ने राकेश को बुलाकर सम्मानित किया.
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