अक्सर आपने रैलियों में या फिर किसी कार्यक्रम में पहुंचे नेताओं और मंत्रियों के समर्थन में लोगों को नारेबाजी करते सुना और देखा जरूर होगा। लेकिन पुलिसवालों की जय-जयकार या पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाते किसी को शायद ही देखा हो। वो बात अलग है कि पुलिसवालों को खरी-खोटी सुनाने में कोई भी पीछे नहीं रहता है, इसलिए क्योंकि पुलिस को लेकर लोगों ने अपने दिलो-दिमाग में नकारात्मक छवि बना रखी है। लेकिन गाजियाबाद के मुरादनगर में बीती रात पुलिस को लेकर आम लोगों ने जो कुछ भी किया, ऐसा बार-बार देखने को नहीं मिलता।
पुलिस की मुरीद हई जनता
जब भी कोई जनता के हित में काम करता है और जनता खुश हो जाती है तो उसे ढेर सारा प्यार देती है। ऐसा ही कुछ हुआ यूपी पुलिस के साथ। दरअसल, गाजियाबाद के मुरादनगर में बीती रात लोग हाथ में कैंडल और स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर सड़क पर उतरे नजर आए। उनके हाथों में जो तख्तियां दिखीं, उनमें लिखा था ‘सैल्यूट टू अवर एसएसपी मिस्टर वैभव कृष्णा ऐंड हिज ऑल टीम’।
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मुरादनगर की सड़कों पर कैंडल और स्लोगन वाली तख्तियां लेकर उतरे ये लोग पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारों से मुरादनगर गूंज उठा था। हर तरफ यूपी पुलिस और गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्णा की जय-जयकार हो रही थी। ऐसा नजारा शायद ही लोगों ने कभी देखा हो। मुरादनगर की सड़कों से गुजरने वाला हर बंदा ये देखकर हैरान था कि आखिर ये लोग पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे क्यों लगा रहे हैं?
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सूत्र बताते हैं कि उस रास्ते से गुजरने वाले रुक-रुककर पूछ रहे थे कि पुलिस जिंदाबाद के नारे क्यों लगाए जा रहे। लोगों ने उन्हें बताया कि एसएसपी वैभव कृष्णा की पुलिस ने अच्छा काम किया है। बता दें कि मुरादनगर के रहने वालों ने मुरादनगर चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र लांबा के समर्थन में नारे लगाए और कहा कि हम उनके शुक्रगुजार हैं कि 72 घंटे के अन्दर उन्होने आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, कुछ दिनों पहले गाजियाबाद के मुरादनगर में स्थित एक मस्जिद की छत पर छह साल की बच्ची की लाश बोरी में मिली थी। जब वहां के लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो लोग सहम गए थे। वहीं, जब बच्ची के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई और उस रिपोर्ट से पता चला कि उस मासूम के रेप की वारदात को अंजाम दिया गया था और इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। हैरान करने वाली बात तो ये रही कि उस मासूम बच्ची के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म भी किया गया।
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हालांकि इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने स्थानीय सभासद पर आरोप लगाए, लेकिन मामला कुछ और निकला। मामले में बच्ची के घर के पास में रहने वाले शिबू और मुजीब नाम के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। सूत्र बताते हैं कि मुजीब कुछ समय के लिए मुरादनगर में अपने घर आया हुआ था और उसी दौरान बच्ची पर उसकी नियत खराब हो गई। 4 अक्टूबर की रात को दोनों ने प्लान बनाकर बच्ची को किसी तरह से अपने घर में बुला लिया। सूत्र बताते हैं कि जब बच्ची पास की दुकान पर टॉफी लेने गई थी और लौटते समय साथ खेलने का झांसा दे आरोपी मुजीब उसे अपने कमरे में ले गया और कमरा बंद कर उसके साथ घिनौनी हरकत की। बच्ची की रेप और दुष्कर्म के दौरान हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद आरोपियों ने उसकी लाश को बोरी में डालकर घर में ही छुपा दिया। लाश को ठिकाने लगाने के लिए रात का वक्त चुना और देर रात करीब 4-5 बजे के आसपास मस्जिद की छत पर मौका पाकर लाश को ठिकाने लगा दिया गया। ताकि पुलिस और लोगों को गुमराह किया जा सके।
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सूत्रों ने बताया है कि दोनों को यह पता था कि पहला शक इलाके के सभासद पर गया क्योंकि बच्ची के परिवार की रंजिश सभासद से चल रही है और हुआ भी वही, लेकिन फॉरेंसिक टीम ने आसपास के सभी घरों की तलाशी ली और वहां से सबूत उठाए जिसके बाद घर से मिले खून के निशान के बाद मामा भांजे मुजीब और शिबू पुलिस के शिकंजे में आ गए। गिरफ्तार हत्यारे मामा और भांजे दोनों एक कमरे में ही रहते थे और दोनों के बीच समलैंगिक संबंध भी थे। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया था।
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