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बस्ती: 39 सालों से थाने के लिए जमीन तलाश रहे अफसर, जर्जर मकान में काम करने को मजबूर पुलिसकर्मी

 

यूपी पुलिस के जवान लोगों की सुरक्षा और मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वो इन जवानों के रहने सहने का ध्यान रखे। पर, बस्ती जिले के एक थाने के पुलिसकर्मी तो खुद किराए के जर्जर मकान में थाना चला चला रहे हैं। जी हां, प्रशासन को बस्ती जिले का दुबौलिया थाने के लिए जमीन तलाशते 39 साल बीत गए। अब तक इस थाने को खुद का भवन नहीं मिल सका है। यह आज भी दूसरों के रहमोकरम पर संचालित हो रहा है।

कब हुई थी थाने की स्थापना

जानकारी के मुताबिक, 202 गांवों के हजारों नागरिकों को सुरक्षा व न्याय दिलाने वाले दुबौलिया थाने की स्थापना दुबौलिया कस्बे में वर्ष 1982 में हुई। इस थाने की स्थापना को 39 साल बीत गए पर तक इस थाने को अपना भवन भी नसीब नहीं हो सका है। कस्बे के ही एक व्यवसायी के मकान में 1295 रुपये के किराये पर थाना चल रहा है। किसी तरह से आरक्षी इस जर्जर हो चुके भवन में काम काज निपटा रहे हैं। यहां आरक्षियों को तो सिर छिपाने तक के लिए मुकम्मल व्यवस्था ही नहीं है। हर साल किराये के थाना भवन का मेंटीनेंस कराकर काम चलाया जा रहा है।

थाना क्षेत्र के दरियौना गांव में आरक्षी आवास बनाया गया है, मगर उसमें केवल 16 आरक्षियों के रहने की ही व्यवस्था है। थाने में 78 का स्टाफ है, ऐसे में अन्य पुलिस कर्मी कहां रहें यह बड़ा सवाल है। खुद प्रभारी निरीक्षक किराये के थाना भवन में स्थित एक जर्जर कक्ष में रहते हैं।

एसपी ने दी जानकारी

इस थाने में एक प्रभारी निरीक्षक, 9 उप निरीक्षक, 19 प्रधान आरक्षी, 41 आरक्षी और आठ महिला आरक्षी तैनात हैं। जानकारी देते हुए बस्ती के पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरक्षियों के लिए दरियौना गांव में एक बैरक व विवेचना कक्ष का निर्माण कराया गया है। थाना भवन के लिए गांव से कुछ दूरी पर एक हेक्टेयर जमीन मिली थी। जमीन पर एक व्यक्ति ने अपना दावा जताते हुए हाईकोर्ट से स्टे लगवा दिया तब से मामला कोर्ट ने ही है।

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