जिस अयोध्या लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद की जीत को समाजवादी पार्टी एक तमगे की तरह पेश कर रही थी, अब उसी अयोध्या में गैंगरेप केस (Ayodhya Rape Case) में मुख्य आरोपी सपा के नगर अध्यक्ष मोइद खान की गिरफ्तारी ने सियासी नैरेटिव बदल दिया है. यूपी की 80 में 37 सपा औऱ 6 सीट जीतने वाली कांग्रेस की जीत को दोनों ही दलों के नेता पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक औऱ अगड़ों की एकता की जीत बता रहे थे. लेकिन अयोध्या मामले में पिछड़ी जाति की नाबालिग बच्ची से रेप मामले में मुस्लिम नेता का नाम आने के बाद अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने जो स्टैंड लिया उस पर सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अगर सबसे अधिक चर्चा किसी सीट की हो रही थी तो वो अयोध्या सीट थी. बीजेपी के लल्लू सिंह को हराने वाले अवेधश प्रसाद इंडिया गठबंधन के पोस्टर बॉय नजर आ रहे थे. जीतने के बाद पहली बार सदन पहुंचे अवधेश प्रसाद को खूब तवज्जो मिला. अखिलेश हर जगह उन्हें अपने साथ लेकर चल रहे थे, इतना ही नहीं उन्होंने अवधेश को सदन में अपने पास बिठाया. दरअसल, अवधेश बीजेपी की वह ‘अयोध्या’ हैं, जिसकी हार की फांस भगवा पार्टी के लिए सबसे बड़ी है और अखिलेश यादव ऐसी तस्वीरों बनाकर यही संदेश दे रहे थे. अखिलेश अवधेश पासी के जरिए अपनी पीडीए वाली राजनीति को मजबूत कर रहे थे.
अखिलेश के अलावा राहुल गांधी ने भी ने अवधेश प्रसाद को जमकर तवज्जों दिया. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने अवधेश पासी का जिक्र किया. उन्होंने खुद पास जाकर फैजाबाद सांसद से हाथ मिलाया राहुल ने अवधेश को अयोध्या का मैसेज बता डाला. अखिलेश की तरह ही राहुल गांधी भी अवधेश पासी के जरिए कमंडल पर भारी मंडल का संदेश बीजेपी को देना चाह रहे थे.
वहीं इसी बीच अयोध्या में निषाद समाज की 12 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले ने अखिलेश यादव औऱ राहुल गांधी का पूरा सियासी गणित ही बिगाड़ दिया. कारण..इस जघन्य अपराध का मुख्य आरोपी मोईद खान समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष होना, साथ ही उसे सांसद अवधेश प्रसाद का करीबी बताया जाना. सीएम योगी ने मामले को विधानसभा में उठाया औऱ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. ठीक ऐसा ही हुआ सपा नेता मोईद खान को गिरफ्तार कर लिया गया वहीं आरोपी की जिस बेकरी में इस घटना को अंजाम दिया गया उसे बुलडोजर से ढहा दिया गया. योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे औऱ न्याय दिलाना का वादा कर आए.
अयोध्या रेप कांड ने समाजवादी पार्टी पार्टी को बैकफुट पर ला दिया. अखिलेश यादव ने मामले में डीएनए टेस्ट की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए. वहीं इसे लेकर जब अवधेश प्रसाद से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष को न फंसाया जाये… डीएनए टेस्ट करा लिया जाये… समाजवादी पार्टी पीड़ित और उसके परिवार के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ी है. ऐसे में बिना जांच के आखिर सपा सांसद को क्यों लग रहा है कि किसी बेकसूर को फंसाया जा रहा है. ये तो ऐसा लगता है, वो मोईद खान को बेकसूर मान रहे हैं, और पहले से ही अपनी तरफ से क्लीन चिट दिए दे रहे हैं.
बीजेपी ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी अपने कोर वोटबैंक को बचाने के लिए बलात्कारी के साथ खड़ी है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बलात्कारी मुसलमान हो तब पूरा का पूरा सैफई परिवार उसे बचाने के लिए खूंटा गाड़ देता है. बीजेपी के अलावा मायावती ने भी अखिलेश को निशाना पर लिया. उन्होंने पूछा कि समाजवादी पार्टी बताए कि अपनी सराकर में उन्होंने कितने आरोपियों के डीएनए टेस्ट करवाए थे.
अयोध्या रेप कांड को लेकर बीजेपी समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस को भी जमकर घेर रही है. बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी औऱ प्रियंका गांधी की जुबान नहीं खुलेगी क्योंकि उसका नाम है मोईद खान. जब खान नाम हो गया तो जुबान नहीं खुलेगी चाहे कितना ही बड़ा अपराध क्यों न हो जाए.
बीजेपी आरोप इसलिए लगा रही है क्योंकि यूपी में करीब 19 फीसदी मुस्लिम आबादी है औऱ बीते लोकसभा चुनाव में इस वोटबैंक का झुकाव सबसे अधिक सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ देखा गया. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वोटबैंक की खातिर अखिलेश यादव डीएनए टेस्ट की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं वहीं लड़की हूं लड़ सकती हूं.. कहने वालीं, हाथरस, उन्नाव जानें वालीं प्रियंका गांधी और न्याय की बात कहने वाले राहुल गांधी आखिर इस मामले पर चुप क्यों हैं, क्या उन्हें वोटवैंक खिसकने का डर है ?
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