भाजपा के प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने “एक देश एक नाम एक निशान एक विधान और एक संविधान” की मांग करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. अपनी इस चिट्ठी में उन्होंने संविधान से आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370 और “इंडिया” शब्द तथा कश्मीर के अलग संविधान को समाप्त करने के लिए संबंधित मंत्रालयों को आवश्यक निर्देश देने की पीएम मोदी से मांग की है.
यह एक भ्रम है कि जन-गण-मन हमारा राष्ट्रगान और वंदेमातरम हमारा राष्ट्रगीत है! हमारे संविधान या कानून में वंदेमातरम को राष्ट्रगीत घोषित नहीं किया गया है! संविधान सभा के 24.1.1950 के प्रस्ताव के अनुसार जन-गण-मन और वंदेमातरम को बराबर सम्मान दिया जाएगा अर्थात भारत के दो राष्ट्रगान है pic.twitter.com/tUtRvTBerG
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) December 16, 2018
भाजपा नेता ने अपनी चिट्ठी अपनी चिट्ठी में लिखा कि जैसा कि आप भी जानते हैं कि भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसका आधिकारिक तौर पर दो नाम है- भारत और इंडिया. भारत में दो निशान भी जारी है- तिरंगा और कश्मीर का झंडा. इसी तरह आजादी के 70 साल बाद भी दो संविधान चल रहा है. भारत का संविधान और कश्मीर का संविधान. संविधान सभा के दिनांक 24.1.1950 के प्रस्ताव के अनुसार भारत में दो राष्ट्रगान है- जन-गन-मन और वंदेमातरम. यह धारणा पूर्णतः गलत है कि वंदेमातरम राष्ट्रगीत है और जन-गन-मन राष्ट्रगान. संविधान या किसी कानून में राष्ट्रगीत का जिक्र नहीं है.
सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद जी ने “एक देश एक नाम एक निशान एक विधान और एक संविधान” का सपना देखा था लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी “एक देश दो नाम दो निशान दो विधान और दो संविधान” जारी है. संसद की स्वीकृति के बिना संविधान में एक शब्द भी जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता है लेकिन आर्टिकल 35A जोड़ दिया गया और आज भी लागू है. संविधान निर्माताओं ने आर्टिकल 370 को मात्र कुछ वर्षों के लिए संविधान में जोड़ा था लेकिन इसे हटाने के लिए संसद में आजतक कभी भी गंभीर चर्चा नहीं हुयी.
सरदार पटेल और श्यामाप्रसाद जी "एक देश एक नाम एक निशान एक विधान एक संविधान" चाहते थे लेकिन 70साल बाद भी "एक देश दो नाम दो निशान दो विधान दो संविधान" जारी है! माननीय सांसदों को आमजनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए संसद में आवश्यक कदम उठाना चाहिए! अभी नहीं तो कभी नहीं! जयहिंद जयभारत pic.twitter.com/Q0j7aCJZ5F
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) December 16, 2018
देश में कम से कम 25 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें किसी भी प्रकार की सब्सिडी या सरकारी लाभ नहीं चाहिए लेकिन ये लोग “एक देश एक नाम एक निशान एक विधान और एक संविधान” चाहते हैं. अलगाववाद कट्टरवाद और चरमपंथ को समाप्त करने तथा एकता-अखंडता और आपसी भाईचारा को मजबूत करने के लिए भी यह बहुत जरुरी है. इसलिए आप से निवेदन है कि संविधान से आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370 और “इंडिया” शब्द तथा कश्मीर के अलग संविधान को समाप्त करने के लिए संबंधित मंत्रालयों को आवश्यक निर्देश दें. वर्तमान संसद सत्र में ही जन-गन-मन और वंदेमातरम में से किसी एक को राष्ट्रगान और दूसरे को राष्ट्रगीत घोषित करें और सरदार पटेल तथा श्यामाप्रसाद जी का सपना साकर करें. धन्यवाद.
बता दें, अश्विनी उपाध्याय दिल्ली उच्च न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट में 50 से अधिक जनहित याचिकाओं के लिए जाने जाते हैं. इन्होने चुनाव, न्यायिक सिस्टम में सुधार, मुस्लिमों में बहुविवाह, तीन तलाक, हलाला आदि मुद्दों पर याचिकाएं अदालतों में दायर कर रखीं हैं. अभी हाल ही में इन्होने वर्तमान शीतकालीन सत्र में जनसँख्या नियंत्रण पर प्रभावी क़ानून बनाने के लिए पीएम मोदी सहित सभी सांसदों की चिट्ठी लिखी थी.
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