अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाली बाराबंकी की सांसद प्रियंका सिंह रावत गुरुवार को फूट-फूट कर रो पड़ीं. दरअसल भारतीय जनता पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव के लिए यूपी की ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है. जिसमें बाराबंकी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद प्रियंका सिंह रावत को टिकट ना मिलने से काफी दुखी हैं. गुरुवार को जब प्रियंका कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहीं थी उसी वक्त सबके सामने फूट- फूटकर रो पड़ीं.
कार्यकर्ताओं के सामने ही टिकट कटने को लेकर प्रियंका रावत ये दर्द बाहर निकला. प्रियंका रावत दोबारा बाराबंकी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी ठोंक रही थीं. लेकिन वर्तमान में जिले की जैदपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक उपेन्द्र रावत को बीजेपी ने टिकट दिया है. जिससे दुखी प्रियंका रावत अपने कार्यकर्ताओं से रूबरू होने आईं, लेकिन पक्ष रखने से पहले ही उनकी आंखें डबडबा गईं.
प्रियंका ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावत तेवर भी दिखाए हैं. उन्होंने कहा, प्रदेश में जिन सांसदों के टिकट काटे गए हैं, वह सभी सुरक्षित सीटों के सांसदों के हैं। क्या सामान्य सीटों के सांसदों का काम ठीक था, आखिर सारा फेरबदल सुरक्षित सीटों पर ही क्यों किया गया? प्रियंका ने कहा टिकट क्यों काटा गया, इसका जवाब नेतृत्व को देना होगा?
गुरुवार को कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा, मेरा घर परिवार मेरी जनता है, मेरे स्वाभिमान को जो ठेस पहुंची, मैं उसे आप लोगो में महसूस करती हूं. मैं आपको बता दूं कि किसी नकारात्मक सोच के आगे आपकी सांसद झुकने वाली नहीं हैं. मैं सदा कार्यकर्ताओं और जनता के सम्मान के लिए डट कर खड़ी रही हूं और आगे भी आपके लिए हमेशा खड़ी रहूंगी. मेरे लिए कार्यकर्ता और जनता का सम्मान सर्वोपरि है. आप लोग जैसा चाहेंगे वैसा होगा. आपका फैसला मेरा फैसला होगा.
दलित महिला होने का मिला सबक
शीर्ष नेतृत्व ने जनता के साथ धोखा किया है अंतिम दिनों तक मेरे टिकट को लेकर मुझे आश्वस्त किया गया, और अंतिम क्षणों में फैसला लेकर दलित महिला होने का सबक दिया गया. मैं शीर्ष नेतृत्व से पूछना चाहती हूं कि मुझे जवाब दें कि मेरा टिकट क्यो काटा गया, मुझे बाराबंकी के कार्यकर्ताओं, जनता के बीच लगातार संवाद बनाये रखने, उनके सुख-दुख में उपस्थित रहने या बाराबंकी में विकास कार्यो को सुचारू रूप से गति प्रदान करने, आखिर किसकी सजा दी गई. संगठन के नाम पर कार्यकर्ताओं का शोषण करने वालो, पार्टी को बदनाम करने वाले भ्रष्टाचारियों से संघर्ष करने, ईमान से समझौता न करने आखिर किसकी सजा दी गई गरीब जनता को धोखा दिया गया.
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