बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers Protest) के विरोध दिवस के समर्थन का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों के साथ बातचीत कर उनकी समस्याओं को हल करने की मांग की है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग को लेकर देश के किसान कोरोना के इस अति-विपदाकाल में भी लगातार आन्दोलित हैं। आन्दोलन के 6 महीने पूरे होने पर कल 26 मई को उनके देशव्यापी ‘विरोध दिवस’ को बीएसपी का समर्थन। केन्द्र को भी इनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।
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बसपा चीफ ने कहा कि देश के किसानों के प्रति केन्द्र का रवैया अभी तक अधिकतर टकराव का ही रहने से उत्पन्न गतिरोध के कारण खासकर दिल्ली के पड़ोसी राज्यों आदि में स्थिति काफी तनावपूर्ण है। आन्दोलित किसानों से वार्ता करके व इनकी समस्या का हल निकालने की केन्द्र सरकार से बीएसपी की पुनः अपील है।
इससे पहले मायावती ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि कोरोना प्रकोप के सुविधाहीन ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी फैल जाने से भारत सुर्खि़र्यों में आ गया है, फिर भी सरकारें इसकी उचित तैयारी व उससे जनता को राहत दिलाने के सम्बंध में ताबड़तोड़ घोषणाएं ऐसे कर रही हैं जैसे चुनाव के समय में हवा-हवाई वादों का प्रचलन है, अति-दुःखद।
जबकि सख्त जरूरत है कि यूपी व अन्य राज्यों में पहले से ही डाक्टर व अन्य सरकारी कर्मचारियों आदि के अभाव में खासकर जो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि बेकार व खस्ताहाल पड़े हैं उन्हें तत्काल सक्रिय किया जाए ताकि ग्रामीण भारत के अधिसंख्य गरीब व बेसहारा लोगों को इसका लाभ फौरन मिल सके।
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