बसपा को रिपोर्ट दायर करना पड़ा भारी, मायावती की मुश्किलें बढ़ाने कानून मंत्रालय जाएगा चुनाव आयोग

हाल ही में बीएसपी ने अपनी ताजा चंदा रिपोर्ट दायर की है जिसके बाद चुनाव आयोग ने एक बार फिर राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले अज्ञात नकद चंदे को लेकर सख्ती दिखाई है। इसके लिए चुनाव आयोग कानून मंत्रालय से होने वाली बात में पार्टियों के चुनावी कैंपेन के खर्च की अधिकतम सीमा लागू करने पर भी सुझाव देने वाला है।

 

बीएसपी की चंदा रिपोर्ट के बाद  चुनाव आयोग ने दिखाई सख्ती

अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती की नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने अपनी ताजा चंदा मिलने वाली रिपोर्ट दायर की है, जिसमें सभी चंदों को अज्ञात घोषित किया गया है। अब ऐसे में  मंत्रालय से होने वाली बात में चुनाव आयोग पार्टियों के चुनावी कैंपेन के खर्च की अधिकतम सीमा लागू करने पर भी सुझाव रखेगा।

 

Also Read : लखनऊ: CM योगी ने मृतक विवेक तिवारी की पत्नी से की मुलाकात, पत्नी ने जताया योगी सरकार पर भरोसा

 

सूत्र बताते हैं कि बीएसपी की ताजा चंदा रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया है कि पारदर्शीता सुनिश्चित करने के लिए अज्ञात नकद चंदे का अनुपात 20 करोड़ रुपये या पार्टी के पूरे संग्रह का 20 फीसदी तक सीमित होना चाहिए, जो भी कम हो, लागू किया जाना चाहिए।

 

खबरें हैं कि इस कदम का सभी पार्टियों ने समर्थन किया है और वे सभी परिणामों से परिचित हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला अज्ञात नकद चंदा उसके पूरे संग्रह का 20 फीसदी होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक चुनावों में धन बल की जांच करने के लिए आयोग के एजेंडा में दोनों मुद्दे सबसे ऊपर रहे हैं और 2016 में केंद्र को इनके बारे में बताया जा चुका है। सूत्रों की मानें तो इस हफ्ते चुनाव आयोग केंद्र को इन मुद्दों को बारे में एकबार फिर से अवगत कराएगा।

 

बीएसपी का दावा, दो हजार से ज्यादा का कोई चंदा नहीं मिला

सूत्रों के मुताबिक,  बीएसपी लगातार साल दर साल यह दावा करती रही है कि उसे कोई भी चंदा 20 हजार रुपये से ज्यादा की रकम का नहीं मिला और वह अपने दानदाताओं की घोषणा करने इनकार करती रही है। 2017-18 की अपनी चंदा रिपोर्ट में बीएसपी ने दावा किया है कि उसे नई सीमा के मुताबिक 2 हजार रुपये से ज्यादा का कोई भी चंदा नहीं मिला है। इस बार भी बीएसपी ने अपने दानदाताओं की घोषणा नजरअंदाज की है।

 

Also Read : वीडियो : पुलिसकर्मियों ने की कार रोकने की कोशिश, ड्राइवर ने पुलिसवाले को कुचल डाला

 

बता दें कि साल 2004-05 और 2014-15 में बीएसपी ही केवल ऐसी पार्टी थी जिसने घोषणा की थी कि उसे कोई भी चंदा 20 हजार रुपये से ज्यादा का नहीं मिला। इस प्रकार बीएसपी को मिलने वाला 100 फीसदी चंदा अज्ञात जरियों से मिलने वाला बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान पार्टी की कुल आय में 2057 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। 2004-05 में बीएसपी की कुल आय 5.19 करोड़ रुपये थी जोकि 2014-15 में बढ़कर 111.96 करोड़ रुपये हो गई।

 

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करेंआप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )