अखिलेश की रैली में गठबंधन का महत्व बताने के लिए लालच देकर लाये गए मासूम, चिलचिलाती धूप में घंटों खड़ा रखा गया

लोकसभा चुनाव चार चरण पूरे करके अब पांचवे चरण में पहुँच चुका है. सियासी दल अपनी रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं, लेकिन शनिवार को इसी जुगत में यूपी के बलरामपुर में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की रैली में कुछ ऐसा हुआ कि जिससे मानवता शर्मसार हो गयी. पैसे का लालच देकर लाये गए मासूमों को कई घंटों तक धूप में नंगे बदन खड़ा रखा गया. यहाँ बच्चों के माध्यम से पार्टी सपा और बसपा गठबंधन में आम जानता के जुड़ने का सन्देश देना चाहती थी.


यह पूरा मामला रेहरा बाजार इलाके की का है. जहां शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा थी. इस जनसभा में दो मासूम बच्चे भी नजर आये जिन्होंने सबको अपनी तरफ आकर्षित किया.



जानकारी के मुताबिक़ दोनों बच्चे गडरहिया गांव गाँव के रहने वाले हैं. एक का नाम मोहम्मद कैफ तो दूसरे का नाम विवेक बताया जा रहा है. वहीं चिलचिलाती धूप में अखिलेश यादव जब मंच पर पहुंचे तो इन दोनों मासूमों को बुलाकर गठबंधन का महत्व बताया. अखिलेश यादव के जाते ही दोनों मासूम बच्चों छोड़ दिया गया. जब मीडियाकर्मियों ने इस बारे में पूछा तो दोनों ही बच्चो ने बड़ी मासूमियत से सच्चाई उगल दी. बच्चों ने बताया कि गडरहिया गांव के प्रधान फखरुद्दीन एक को सपा तथा दूसरे को बसपा के रंग में रंगा कर लाये है. इसके लिये दोनों बच्चों को पैसे का लालच दिया गया था, जिससे वे यहां आये थे.



मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ कक्षा तीन में पढने वाले विवेक ने बताया कि उसके साथ दूसरी बार ऐसा किया गया है. पिछली बार दोनों बच्चों को 440 रुपये दिये गये थे. इस बार गांव पहुंचने के बाद पैसा देने का वादा ग्राम प्रधान ने किया है. भीषण चिलचिलाती धूप में नंगे बदन ये मासूम बच्चे लोगों का मनोरंजन करते रहे, लेकिन इन मासूमों को राजनैतिक मोहरा बनाने वाले लोग शायद आचार संहिता के नियमें का पालन करना भूल गये. एक चुनावी सभा के मंच पर इस तरह मासूम बच्चो का प्रदर्शन आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने के लिये पर्याप्त है.


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